गोरखपुर, 4 अक्तूबर। मुहर्रम शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराये जाने हेतु इमामबाड़ा इस्टेट गोरखपुर के मुतवल्ली व सज्जादानशीन मियां साहब की अध्यक्षता में इमामबाड़ा इस्टेट में शहर के समस्त इमामबाड़ों एवं इमाम चैक के मुतवल्लीयों शहर के संभ्रान्त एवं बुद्धजीवियों की बैठक हुई ।
मियां साहब ने सभी को इस्लामिक नये साल की मुबारकबाद पेश की। मियां साहब ने समस्त मुतवल्लीयों एवं जिम्मेदारों की बातों को गौर से सुना और बताया कि वह लगातार प्रशासनिक अधिकारियों के सम्पर्क में हैं। चूंकि मुहर्रम और दशहरा का त्योहार एक साथ पड़ रहा है, इसलिए यह जरूरी है कि दोनों धर्मों के लोग अपनी श्रद्धा के साथ अपने अपने पर्व को मनायें तथा गोरखपुर की गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखते हुए ऐसी मिसाल पेश करें कि आने वाले दिनों में लोग इसे याद करें। यह सहमति सम्बन्धित थानाध्यक्षों द्वारा सम्बन्धित मुतवल्लीयों/जिम्मेदारों से वार्ता करके बना ली गयी है।
मियां साहब ने यह फैसला लिया कि मुहर्रम के मौके पर इस्लामी झंडे सिर्फ अपने इमामबाड़ों/इमाम चैकों पर ही लगायें। सभी मुतवल्ली व जिम्मेदार लोगों से मियां साहब ने अपील किया कि मुहर्रम का दसवीं तारीख समाप्त होते ही झण्डे उतार लिये जायें। मुतवल्ली व जिम्मेदार हजरात लाठी/डण्डा/अलम को जुलूस से हट कर कहीं और न ले जायें, ताकि किसी को असुविधा न हो। मियां साहब ने बताया कि डीजे पर प्रतिबंध है इसलिए कोई भी मुतवल्ली डीजे का प्रयोग न करे। मियां साहब ने अपील किया कि प्रत्येक जुलूस में दो लाउडस्पीकर ही लगाएं, इस सम्बन्ध में प्रशासन से वार्ता हुई है। मियां साहब ने मुहर्रम एवं दुर्गापूजा के अवसर पर सभी धर्म के लोगों से अपील की कि एक दूसरे की भावनाओं का आदर करते हुए अपने-अपने पर्व को मनाएं।
बैठक में मौलाना शाकिर अली सलमानी , सैयद इरशाद अहमद, सुल्तान अहमद , जुल्फेकार अहमद, मंजूर आलम, महफूज आलम, आफताब अहमद, शमशाद पहलवान, जमील अहमद, सैययद इश्तेयाक अहमद (बब्लू), शेख शकील अहमद आदि मौजूद रहे।