किसान आंदोलन का समर्थन करने पर गिरफ़्तार डा. चतुरानन ओझा, बाबूराम विश्वकर्मा  रिहा

देवरिया। किसान आंदोलन को समर्थन करने पर शांतिभंग के आरोप में गुरुवार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे गए राजनीतिक कार्यकर्ता, समान शिक्षा आंदोलन के प्रवक्ता व बरहज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी रहे डा.चतुरानन ओझा सहित 4 लोग शुक्रवार देर शाम जमानत पर रिहा हो गए।

शुक्रवार सुबह से ही डॉ.चतुरानन ओझा की रिहाई के लिए उनके समर्थक, शुभचिंतक व विभिन्न संगठनों के लोग एसडीएम कार्यालय सलेमपुर पर जुट गए। पूरे दिन चले संघर्ष के बाद अंततः देर शाम प्रशासन ने डॉ.ओझा को रिहा करने का आदेश दिया। जमानत का आदेश मिलते ही उनके समर्थक,शुभचिंतक जिला कारागार पहुंच गए जहां से शुक्रवार देर शाम डॉ.चतुरानन की रिहाई पर उन्हें माला पहनाकर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। डॉ ओझा के साथ ही गिरफ़्तार किए गए बाबूराम विश्वकर्मा, विजय जुआठा और सत्येन्द्र मिश्र भी कल शाम को रिहा हो गए।

ज्ञात हो कि डॉ.ओझा समान शिक्षा आंदोलन व पंचायत अधिकारों तथा स्ववित्तपोषित शिक्षकों की समस्याओं को लेकर निरंतर संघर्ष करते रहे हैं। डॉ.चतुरानन पेशे से स्ववित्तपोषित महाविद्यालयी शिक्षक हैं। साहित्य, पत्रकारिता और राजनीति में इनकी सक्रियता निरंतर बनी रहती है,अपनी राजनीतिक सक्रियता के दौरान डॉ .चतुरानन देवरिया-कुशीनगर पंचायत एमएलसी का चुनाव तथा बरहज विधानसभा क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश की थी। वहीं लोकसभा चुनाव में उनका पर्चा खारिज हो गया था। डॉ.ओझा की पहचान एक जुझारू जनपक्षधर राजनीतिक कार्यकर्ता की है।

शुक्रवार देर शाम जिला कारागार  से रिहा होने के बाद स्वागत करने वालों में मुख्य रूप से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ कृष्णा जायसवाल, वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार सिंह,किसान नेता शिवाजी राय,अधिवक्ता अरविंद गिरी, विकलांग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह,सामाजिक कार्यकर्ता अलमंसूरी, राजेश मणि, कांग्रेस नेता संदेश यादव, प्रेमचंद यादव,सुजीत कुमार, ओंकार सिंह समेत अनेक समर्थक व शुभ चिंतक मौजूद रहे।