Author : ओंकार सिंह

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समाचार

नवोदय विद्यालय : प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद दो छात्रों का प्रवेश नहीं लिया

ओंकार सिंह
गोरखपुर। ग्रामीण क्षेत्र में अपनी हैसियत के दायरे में अच्छी शिक्षा पाने की एक उम्मीद जवाहर नवोदय विद्यालय हैं। हर होनहार बच्चे के अभिभावक का...

गाँव से एक डिस्पैच : असल डर तो ‘ पॉजिटिव ’ होने का है

ओंकार सिंह
डर को संभालना होगा- 1 चिकित्सकों/विशेषज्ञों की माने तो कोविड से लड़ाई पूरी तरह तकनीकी है। इस जंग को जीतेगा इंडिया/पीटेगा इंडिया जैसे खेल के...

जे़हन में दबे सवाल अब छीन रहे आंखों से नींद

ओंकार सिंह
‘अब राती कs नींद नाहीं आवत बा। पता नहीं कुलहिन का खात-पियत होइहं। एतना दिन से तs सब एहर-वोहर से खइले-पियले क जुगाड़ बनवलंs। बाकिर...

सोशल डिस्टेंसिंग, सेल्फ क्वारंटाइन और गांव की बात

ओंकार सिंह
इस बार गांव लौटा तो पूरे 41 साल पहले होश संभालने वाली उम्र में लौट गया। कोई 6-7 बरस की उम्र का बचपन। तब दुनिया...

पानी का शुद्ध होना ही नहीं स्वस्थ होना भी जरूरी

ओंकार सिंह
– पानी को शुद्ध करने की प्रक्रिया में हम स्वस्थ जल से हो रहे हैं वंचित ‘स्वच्छ पेयजल- चुनौतियां एवं समाधान अतीत से वर्तमान तक’...
विचार

‘जबरा पे जोर न चले तs निबरा कसर निकारे के हइये हs’

ओंकार सिंह
बात धरती पर बढ़ते प्रदूषण को लेकर है। बात देश दुनिया में विलासी जीवन के संशाधनों से गैसीय उत्सर्जन व औद्योगिक कचरे से लेकर किसानों...
स्वास्थ्य

डेरवा पीएचसी : कभी बाढ़ में डूबा रहता था, आज है प्रदेश में अव्वल

ओंकार सिंह
गोरखपुर। कायाकल्प योजना के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई व संक्रमण नियंत्रण के मानक प्रोटोकाॅल के पालन में अनुकरणीय प्रदर्शन करने वाले संस्थानों में...
पर्यावरण

खतरनाक है पानी का निजीकरण और बाजारीकरण : राजेंद्र सिंह

ओंकार सिंह
गोरखपुर। जल पुरुष के नाम से ख्यात, प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने मंगलवार को प्रेस क्लब सभागार गोरखपुर में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में...
लोकसभा चुनाव 2019

‘ ताल ठोको, तालियां कुछ और भी कहती हैं ‘

ओंकार सिंह
  पांच साल खइलंs, अब इहे भर खइहंs. चुनावी चकल्लस पर ये बेलाग जवाब गांव के एक बुजुर्ग किसान का है. जो टीवी डिबेट के...
लोकसभा चुनाव 2019

ट्रेन यात्रा में युद्धोन्माद, बेरोजगारी और माननीय का जूता

ओंकार सिंह
युद्धोन्माद और राष्ट्रवादी शोर के बीच हाल ही में लंबे समय बाद एक यात्रा के दौरान नये भारत को देखने समझने का मौका मिला। अलसुबह...
साहित्य - संस्कृति

जनगीतों के जरिये याद किए गये गोरख पांडेय

ओंकार सिंह
कुशीनगर. ‘तू हवs श्रम के सुरूजवा, हम किरिनिया तुहार…’ श्रम व मेहनतकश के सपनों की जिंदा तस्वीर उकेरती जनकवि गोरख के इन जनगीतों को गा...