समाचार

वेतन नहीं मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे विश्वविद्यालय के आउटसोर्स कर्मचारी की मौत

गोरखपुर। पांच महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से ठीक ढंग से इलाज नहीं करा पा पाए गोरखपुर विश्वविद्यालय के आउटसोर्स कर्मचारी रामसागर चौधरी का पांच जनवरी की सुबह 10 बजे निधन हो गया। वह तीन दिन से बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक गांव बस्ती जिले के सोनहा क्षेत्र के एकडेंगवा गांव में किया गया।

तीन महीने के अंदर वेतन नहीं मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रहे दो आउटसोर्स कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इसके पहले अक्टूबर महीने में माली का काम कर रहे महेन्द्र की मौत हो गई थी।

दो आउटसोर्स कर्मचारियांे की मौत के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन के जिम्मेदार अभी तक संवेदनहीन बने हुए हैं। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान रामसागर चौधरी की विश्वविद्यालय प्रशासन के जिम्मेदार लोगों ने कोई सुधि नहीं ली और न ही उनकी मदद के लिए आगे आए। आउटसोर्स कर्मचारियों ने अपने साथी के इलाज के लिए शिक्षक-कर्मचारियों से आर्थिक सहयोग एकत्र किया।

विश्वविद्यालय के लगभग 300 आउटसोर्स कर्मचारी पिछले पांच महीने से वेतन नहीं पा रहे हैं। वे जिस आउटसोर्स एजेंसी के जरिए विश्वविद्यालय में कार्य कर रहे थे, उसका अनुबंध समाप्त हो गया है। विश्वविद्यालय ने टेंडर के जरिए एजेंसी का चयन करने की बात कही लेकिन छह महीने बाद भी इस कार्य को नहीं किया गया। इस कारण आउटसोर्स कर्मचारियेां को वेतन नहीं मिल रहा है।

दिवंगत कर्मचारी 55 वर्षीय रामसागर चैधरी पिछले 27 वर्ष से विश्वविद्यालय में पम्प आपरेटर का काम कर रहे थे। उन्होंने वर्ष 2017 के पहले से दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में काम किया। उनके साथ के कई कर्मचारियों का समायोजन हो गया लेकिन उनका समायोजन नहीं हुआ। वर्ष 2017 से विश्वविद्यालय उनसे आउटसोर्स कर्मचारी के बतौर काम ले रहा था।

रामसागर चौधरी अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी को छोड़ गए हैं। उन्होंने मई महीने में बेटी की शादी तय की हुई थी। उनका परिवार बस्ती जिले के सोनहा क्षेत्र के एकडेंगवा गांव में रहता है। श्री चौधरी यहां पर अकेले रहते थे। वे विश्वविद्यालय के नलकूप के पास रहते थे। वे ब्लड प्रेशर और मधुमेह के मरीज थे। समय से वेतन नहीं मिलने के कारण वह दवाइयां तक खरीद नहीं पा रहे थे। इसी कारण उनकी 31 दिसम्बर को तबियत बिगड़ गई। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां से एक दिन बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिर उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने बुधवार को अंतिम सांस ली।

Related posts