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गुआक्टा ने दिन में प्रदर्शन किया, रात को कुलपति को घेरा

गोरखपुर। ग्रीष्मावकाश 45 दिन करने, विषय विशेषज्ञ नामित करने, सभी देयकों का भुगतान करने, स्नातक शिक्षकों को शोध निर्देशक बनाने सहित कई मांगों लेकर गुआक्टा ने आठ मई को दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर धरना-प्रदर्शन व कुलपति का घेराव किया।

धरना-प्रदर्शन और घेराव में ढाई सौ शिक्षकों ने हिस्सा लिया। महाविद्यालयी शिक्षकों ने दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक  कुलपति से मिलने में विफल रहने पर कुलपति कार्यालय जाना चाहा तो पाया कि चारो तरफ से तालाबंदी की गयी है। इससे शिक्षक आक्रोशित हो गए और उन्होंने बाहर से ताला मार कर रजिस्ट्रार ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए। रात 7.30 बजे कुलपति की ओर से मिलने का बुलावा आया।

कुलपति ने गुआक्टा नेताओं को सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने ग्रीष्मावकाश 45 दिन करने, विषय विशेषज्ञ नामित करने, सभी देयकों का भुगतान करने, स्नातक शिक्षकों को शोध निर्देशक बनाने और नए शिक्षकों को बिना अवकाश लिए शोध कार्य करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद धरना और घेराव समाप्त हो गया।

धरना-प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए गुआक्टा के महामंत्री प्रोफेसर धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि कुलपति गोरखपुर और आसपास के जनपदों के छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों के साथ अन्याय कर रहे हैं।यहां के जनप्रतिनिधि भी मौन होकर कुलपति के अन्याय का समर्थन कर रहे हैं। यह दुःखद स्थिति है।

मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज भाटपार के अध्यक्ष राम अवतार वर्मा ने कहा कि अब समय आ गया है कि कुलपति के खिलाफ लामबंद हुआ जाए। गुआक्टा के पूर्व उपाध्यक्ष प्रोफेसर आमोद राय ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह विश्वविद्यालय को अराजक स्थिति में ले जा रहे हैं।

धरना को बरहज डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर अजय मिश्र, रुद्रपुर देवरिया के प्रोफेसर संतोष यादव, देवरिया जनपद शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर विनय रावत, महामंत्री प्रोफेसर वाचस्पति द्विवेदी, कुशीनगर जनपद शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर उमाशंकर त्रिपाठी, फाजिलनगर के डॉक्टर श़त्रुघ्न सिंह, डॉक्टर सास्वत चंदेल, डॉक्टर सुकेश पांडेय, पडरौना से डॉक्टर विजय निषाद, बड़हलगंज से डॉक्टर अजय मिश्रा, भटौली से अनूप श्रीवास्तव, पीपीगंज से डॉक्टर राकेश प्रताप सिंह, सिकरीगंज से प्रोफेसर रामचरित यादव आदि ने धरना-प्रदर्शन को संबोधित किया।

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