समाचार

गुआक्टा 20 मई से सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार करेगा, 30 मई से प्रशासनिक भवन में होगी तालाबंदी 

गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (गुआक्टा) ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पर हठवादी रवैया अपनाने और महाविद्यालय शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार किये जाने का आरोप लगते हुए अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है। गुआक्टा ने मांग नहीं माने जाने पर 20 मई से प्रस्तावित विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाओं का पूरी तरह बहिष्कार करने और 30 मई से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में तालाबंदी कर मांग पूरी होने तक धरना देने की घोषणा की है।

गुआक्टा इसके पहले अपनी मांगों को लेकर दो बार कुलपति का घेराव कर चुका है।

गुआक्टा अध्यक्ष डॉ केडी तिवारी और महामंत्री डॉ धीरेंद्र प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति को प्रतिवेदन सौंपकर महाविद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं के प्रति उनके वादाखिलाफी पर रोष जताते हुए आर पार की लड़ाई का एलान किया है। नेताद्वय ने कहा कि शासन के उच्च शिक्षा विभाग की शीर्ष प्राथमिकता महाविद्यालयों के शिक्षको के समयबद्ध नीति के क्रम में प्रोफेसर पद नाम दिया जाना निश्चित है। इस क्रम में शासन ने प्रत्येक जिले के लिए गवर्नमेंट नामिनी नामित कर दिया है। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के महाविद्यालयी सहआचार्य गण, आचार्य पद पर प्रोन्नत हो रहे हैं लेकिन कुलपति के हठवादी रवैये के कारण दी.द.उ. गोरखपुर विश्वविद्यालय अपने स्थापित परंपराओं से हटकर एवं यूजीसी नियमों की मनमानी व्याख्या कर, शिक्षकों की पदोन्नति में बाधा बन रहा है। छह माह पूर्व विद्यापरिषद से पास होने के वावजूद अब तक स्नातक शिक्षको को शोध निर्देशन की सुविधा से वंचित रखा गया है और नये शिक्षको को शोधकार्य हेतु छह माह के अवकाश की शर्त से छूट नहीं प्रदान की गयी है। महाविद्यालयों से पूरी शुल्क वसूल लेने के बाद भी विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षको को परीक्षा पारिश्रमिक और मूल्यांकन का भुगतान पिछले तीन वर्षो से नही किया गया है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इस कार्य-व्यवहार से महाविद्यालय के शिक्षकों में भारी रोष और असंतोष उत्पन्न हो रहा है, और पूरा शिक्षक समाज निराश है। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों के हितों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए, उनके उपरोक्त समस्याओं का अविलंब समाधान 20 मई के पूर्व नहीं करता है तो महाविद्यालयों के सभी शिक्षक, आगामी 20 मई से प्रस्तावित सेमेस्टर परीक्षाओं सहित विश्वविद्यालय के सभी कार्यों से अपने को पूरी तरह से विरत करने को बाध्य होंगे। इसके बाद 30 मई से पूर्ण तालाबंदी कर, प्रशासनिक भवन का अनवरत रूप से घेराव करेंगे।

शिक्षक नेताओं ने अपने आंदोलन की जानकारी मुख्यमंत्री, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री और  राज्यपाल को भी दी है।

Related posts