संतकबीरनगर में 19 सत्रों में ‘ शून्य टीकाकरण ’ पर एएनएम से जवाब मांगने संविदा एएनएम संघ नाराज

संतकबीरनगर जिले के सांथा ब्लाक में एक से नौ जून के बीच आयोजित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उपकेन्द्र पर आयोजित 19 टीकाकरण सत्रों में ‘ शून्य टीकाकरण ‘ पर सम्बन्धित एएनएम को नोटिस दी गई है। वेतन कटौती की नोटिस पर संविदा एएनएम संघ ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है और कहा है कि निगरानी समिति का कार्य है कि वह लोगों को टीका लगाने के लिए प्रेरित करे। यदि लोग टीका लगाने के लिए नहीं आए तो इसमें एएनएम की कोई दोष नहीं है क्योंकि उसका कार्य सिर्फ टीका लगाना और उसके विवरण अपलोड करना है।

मिली जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांथा के अन्तर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मेंहदूपार और हरैया तथा उपकेन्द्र गोइठहा, मोतीपुर, चवरही, भटौरा, सांथा, भागवतनगर, सेवाइचपार, प्रतापपुर और राजेडीहा में एक से नौ जून के बीच कोरोना टीकाकरण के 19 सत्र आयोजित हुए। गोइठहां, मेंहदूपार और सांथा में इस दौरान क्रमशः तीन, दो और तीन टीकाकरण सत्र आयोजित हुए। नौ दिन में 11 स्थानों पर आयोजित 19 टीकाकरण सत्रों की उपलब्धि शून्य रही।

सीएमओ ने जब टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की तो उन्होंने पाया कि 11 स्थानों पर आयोजित 19 सत्रों में एक भी व्यक्ति को टीका नहीं लगा है। इस पर उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक को शून्य टीकाकरण सत्र के लिए उक्त कार्य दिवसों पर एएनएम का वेतन रोकने और स्पष्टीकरण मांगने को कहा। सीएचसी के अधीक्षक ने इस पर सम्बन्धित एएनएम से जवाब मांगा है।

 

सीएचसी के अधीक्षक द्वारा एएनएम और एचवी को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि सीएमओ द्वारा टीकाकारण की समीक्षा में पाया गया कि सांथा में कई टीकाकरण सत्रों में शून्य टीकाकरण हुआ है। इस पर सीएमओ द्वारा रोष प्रकट किया गया और आदेशित किया गया कि सम्बन्धित सत्रों पर कार्यरत एएनएम का उक्त कार्यदिवस पर मानदेय बाधित कर स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाए।

सीएमओ और सीएचसी के अधीक्षक की इस कार्यवाही पर संविदा एएनएम संघ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि एएनएम का वेतन रोकना और स्पष्टीकरण मांगना गलत है क्योंकि उसका काम केवल टीका लगाना है। लोगों को टीके के लिए प्रेरित करने का काम ग्राम स्तर पर गठित निगरानी समिति का है। समिति में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, कोटेदार, सफाई कर्मी, रोजगार सेवक,लेखपाल, स्वच्छाग्राही, एसएचएच अध्यक्ष, चैकीदार, युवा मंगल दल और स्वंयसेवी संस्थाएं होती हैं।

संविदा एएनएम संघ की प्रदेश संयोजक प्रेमलता पांडेय ने एक बयान में कहा कि शून्य टीकाकरण के लिए सांथा ब्लाक के 11एएनएम को नोटिस देना और वेतन को काटने की कार्यवाही गलत है और मुख्यमन्त्री की मंशा के विपरीत है। क्या यह संभव है कि एएनएम सबको टीका लगाने के लिए खुद प्रेरित करे, टीका लगाए, आन लाइन रिपोर्टिंग भी करे ? उसके उपर पहले से नियमित टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं व बच्चों की देखरेख कोविड से मौतों की जानकारी और पाजिटिव व्यक्तियों के सर्वे सहित 45 तरह के कार्यों की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि इन कार्यों के लिए उसे सिर्फ दस हजार मानदेय मिलता है। ऐसे में शून्य टीकाकरण के लिए नोटिस देना और वेतन काटने की कार्यवाही बर्दाश्त के बाहर है। श्रीमती पांडेय ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा है।

इस सम्बन्ध में जब सीएमओ डा. इन्द्रविजय विश्वकर्मा से जानकारी के लिए सम्पर्क किया गया तो उनका कहना था कि शून्य टीकाकरण जैसी स्थिति नहीं है। एएनएम को नोटिस दिए जाने के बारे में सीएचसी के अधीक्षक से बता सकेंगे।