एक करोड़ की फिरौती के लिए अगवा बच्चे की हत्या, पांच गिरफ़्तार

गोरखपुर। पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल छत्रधारी गांव के मिश्रौलिया टोला से रविवार की दोपहर अपहृत 14 वर्षीय बच्चे की हत्या कर दी गयी है। बच्चे का शव सोमवार की शाम जंगल तिनकोनिया नम्बर दो के पास केवटहिया नाले में मिला। अपहृताओं ने बच्चे के पिता से एक करोड़ की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है।

जंगल छत्रधारी के मिश्रौलिया टोला निवासी महाजन गुप्ता की गांव में ही दुकान है। वह जमीन की खरीद-फरोख्त का भी काम करते हैं। उनका इकलौता बेटा 14 वर्षीय बलराम गुप्ता कक्षा पांचवी का छात्र है। वह रविवार की दोपहर भोजन करने के बाद खेलने के लिए निकला। काफी देर तक जब वह वापस नहीं आया तो परिजन उसे ढूंढने लगे। इसी दौरान शाम को महाजन गुप्ता को तीन बार फोन कर उनसे बच्चे की फिरौती के लिए एक करोड़ रुपए मांगे गए।

महाजन गुप्ता ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने कई टीमें बनाकर बच्चे की खोज शुरू की। तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। आज दोपहर बाद बच्चे का शव केवटहिया नाले में मिला। शव एक बोरे में ठूंसा हुआ था।

पुलिस के अनुसार इस मामले में जंगल छत्रधारी गांव के ही दयानंद राजभर को गिरफ़्तार किया गया जिसकी निशानदेही पर शव बरामद हुआ।

गोरखपुर के एसएसपी डा. सुनील कुमार गुप्ता ने देर रात मीडिया के सामने घटना का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि बलराम के अपहरण और हत्या के आरोप में निखिल भारती, नितेश पासवान, दयानंद राजभर, रिंकू गुप्ता और अजय गुप्ता को गिरफ़्तार किया गया है।

पुलिस के अनुसार निखिल भारती बलराम का दोस्त था और वही उसे घर से बुलाकर स्कूटी पर ले गया था। अपहरण की साजिश दयानंद राजभर ने रची थी। रिंकु गुप्ता के दुकान से फर्जी नाम व पते पर सिम लिया गया था और फिरोती की रकम मांगने में इसका इस्तेमाल किया गया। दयानंद को सिम कार्ड दिलवाने में नितेश पासवान ने मदद की। अपहरण के बाद बलराम को जंगल धूषण निवासी अजय गुप्ता के बंगला चौराहे स्थित दुकान में ले जाया गया। इसी दुकान में बलराम को रखा गया। यहीं से फिरौती की रकम के लिए फोन किया गया।

एसएसपी ने बताया कि इस घटना में शुरूआती लांच में लापरवाही बरतने के आरोप में हल्का दरोगा दिग्विजय सिंह और तीन पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया है। पुलिस के अनुसार अपहरण की वजह फिरौती वसूलना ही था। बलराम द्वारा पहचान लिए जाने की वजह से उन्होंने उसे मार डाला।

बलराम के पिता महाजन गुप्ता का कहना है कि अपहृर्ताओं से उनकी कोई दुश्मनी नहीं थी। उनके पास फिरौती के एक करोड़ रूपए देने की हैसियत भी नहीं थी।

लखनऊ में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने घटना के बारे में जानकारी दी।

बच्चे के अपहरण व हत्या की घटना पर राजनीतिक खेमे से तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, सपा के राष्टीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में जंगल राज कायम हो गया है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि गोरखपुर से एक बहुत ही दुखद खबर मिली। कल शाम में एक बच्चे का अपहरण कर लिया गया था और अभी उसकी हत्या की दिल दहला देने वाली खबर आई। यूपी में जंगलराज के चलते आम लोगों के अंदर भय बैठ गया है। जंगलराज लगातार फैलता जा रहा है। लोगों की जानें जा रही हैं और भाजपा सरकार को बस मीडिया में हेडलाइन बनवाने की पड़ी रहती है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि गोरखपुर के पिपराइच इलाके में बलराम नाम के बच्चे का अपहरण हुआ था। आज उसके हत्या की दुःखद खबर आई है।  मुख्यमंत्री जी जहां से आते हैं कम से कम वहां की खबर तो उनको मिलती ही होगी। एक बच्चे का अपहरण हुआ, उसकी आज हत्या की खबर आई है। आखिर पुलिस कर क्या रही है ? प्रशासन कर क्या रहा है ? मुख्यमंत्री कर क्या रहे हैं ? उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में जंगलराज है। अपहरण तो सूबे में अपराधियों का कारोबार बन गया है। कभी कानपुर, कभी गोंडा, गोरखपुर रोजाना ऐसी खबरें आतीं हैं।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर से अपहृत बच्चे की हत्या का समाचार बेहद दर्दनाक व दुखद है। शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना। लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद भी भाजपा सरकार का निर्लज्ज मौन और निष्क्रियता प्रश्नचिन्ह के घेरे मे है।