Friday, March 31, 2023
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मदरसा बोर्ड परीक्षा : मुंशी/मौलवी को सेकेन्डरी, आलिम को सीनियर सेकेन्डरी के नाम से जाना जायेगा

गोरखपुर। उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा वर्तमान सत्र से मुंशी/मौलवी परीक्षा का नाम बदलते हुए सेकेन्डरी व आलिम परीक्षा का नाम बदलते हुए सीनियर सेकेन्डरी कर दिया गया है। वहीं सेकेन्डरी (मुंशी/मौलवी) पाठ्यक्रम हेतु 14 वर्ष न्यूनतम आयु तय की गई है।

रजिस्ट्रार एसएन पांडेय ने परिषद द्वारा संचालित मुंशी/मौलवी, आलिम, कामिल एवं फाजिल परीक्षा वर्ष 2020 के परीक्षा आवेदन पत्रों के संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व मदरसों के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिया है।

सेकेन्डरी व सीनियर सेकेनेडरी परीक्षा के प्रश्न पत्रों व उनके पूर्णांक में भी संशोधन किया गया है। सेकेन्डरी व सीनियर सेकेन्डरी के संस्थागत व व्यकितगत छात्रों को सत्रांक परीक्षा में भी शामिल होना पड़ेगा। राज्यानुदानित/सहायता प्राप्त मदरसों के लिए व्यक्तिगत परीक्षा आवेदन पत्र भरवाने की अधिकतम संख्या 500 व गैर अनुदानित/मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए व्यक्तिगत परीक्षा आवेदन पत्र भरवाने की अधिकतम संख्या 400 निर्धारित की गई है।

परीक्षा आवेदन पत्र का प्रारुप मदरसा पोर्टल पर उपलब्ध है। परीक्षार्थी ऑफलाइन परीक्षा आवेदन पत्र भरकर संबंधित मदरसे में जमा करेंगे। चालान के जरिए परीक्षा शुल्क जमा होगा। परीक्षा शुल्क भी निर्धारित कर दिया गया है। ऑफलाइन परीक्षा आवेदन पत्र भरे जाने व परीक्षा शुल्क जमा होने के बाद संबंधित मदरसे ‘मदरसा पोर्टल’ पर परीक्षार्थी से संबंधित ऑनलाइन जानकारी भरेंगे।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों के लिए भी दिशा निर्देश जारी हुआ है। फिलहाल परीक्षा आवेदन भरे जाने व आवेदन के अंतिम तिथि की घोषणा नहीं की गई है।

बताते चलें कि कामिल (स्नातक) व फाजिल (परास्नातक) परीक्षा की मान्यता से संबंधित अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। कामिल व फाजिल परीक्षा किसी विश्वविद्यालय से संबद्ध नहीं है इसलिए कामिल व फाजिल डिग्री की कोई वैल्यू नहीं है। यूपी बोर्ड की तरह उप्र मदरसा शिक्षा परिषद भी अधिकतम इंटर स्तर तक की परीक्षा आयोजित करा सकता है, लेकिन मदरसा परिषद 1987 से ही कामिल एवं फाजिल की डिग्री दे रहा है। इस डिग्री पर देश के किसी भी कालेज या विश्वविद्यालय में एडमिशन एवं नौकरी नहीं मिलती। यह जरूर है प्रदेश के अनुदानित मदरसों में नौकरी के लिए इसे स्वीकृत कर लिया जाता है।

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