महराजगंज के मजदूर की जालंधर में मौत, शव मंगवाने के लिए परिजनों को रेहन रखनी पड़ी जमीन

गोरखपुर/महराजगंज। पंजाब के जालंधर मजदूरी करने के महराजगंज जिले के प्रवासी मजदूरी की दो अगस्त को मार्ग दुर्घटना में मौत हो गयी। मजदूर रामबजन राजभर मजदूरी कर लौटने के बाद भोजन बनाने के लिए सामान लेने जा रहे थे कि एक वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। उनका शव आज गांव आ रहा है। परिजनों को शव मंगाने के लिए खेत रेहन पर रखना पड़ा है।

महराजगंज जिले के पनियरा थाना क्षेत्र बभनौली ग्राम सभा निवासी 45 वर्षीय रामबचन राजभर रोजी रोटी के लिए जनवरी महीने में पंजाब के जालंधर गए थे। वहां उन्हें एक दुकान के लिए रूई धुनाई करने का काम मिल गया। अभी वह एक महीने ही मजदूरी करने पाए थे कि कोरोना के कारण लाॅकडाउन हो गया और काम बंद हो गया। वह गांव लौटना चाहते थे लेकिन सूदखोरों से कर्ज की वसूली का दबाव बनाए जाने के डर से वापस नहीं आए। उन्होंने अपनी कुछ जरूरतों के लिए स्वंय सहायता समूह से कर्ज तो लिया ही था, कुछ सूदखोरों से भी कर्ज लिया था।

रामबचन लॉक डाउन खुलने का इंतजार करने लगे। इसी बीच उनके रहने और खाने का इंतजाम हो गया। जून महीने में फिर से काम शुरू होने से उन्होंने रात की सांस ली। वह एक पखवारे से लगातार मजदूरी कर रहे थे। दो अगस्त की शाम वह मजदूरी कर अपने कमरे पर आए और फिर शाम के भोजन के लिए राशन लेने निकले तभी एक वाहन से उन्हें ठोकर मार दी। वह बुरी तरह घायल हो गए। उन्हेे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन उन्हें बचाया न जा सका। दूसरे दिन तीन अगस्त को अपरान्ह तीन बजे उनकी मौत हो गयी।

जालन्धर से रामबचन का शव आज गांव आ रहा है। घरवालों के पास पैसे नहीं थे कि वे जालंधर से शव मंगा सके। जिस सेठ के लिए रामबचन मजदूरी करते थे, उसने उनका अस्पताल में इलाज का खर्च तो उठाया लेकिन शव भिजवाने में होने वाले खर्च को वहन करने में असमर्थता जता दी। जालंधर से महराजगंज जिले तक शव लाने वाले एम्बुलेंस  वाले 50 हजार रुपया मांग रहे थे। विवश होकर रामबचन के दोनों पुत्रों व पत्नी ने पुश्तैनी जमीन रेहन पर रख कर पैसे का इंतजाम किया और एम्बुलेंस से शव मंगवाने की व्यवस्था की। रामबचन के दो पुत्र व एक पुत्री है। पुत्री की शादी हो चुकी है। पत्नी, बेटों व बेटी का रो-रो कर बुरा हाल है।