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सहजानंद सरस्वती स्मृति सम्मान विचारक-लेखक प्रेम कुमार मणि को दिया जाएगा 

गोरखपुर। पहला सहजानंद सरस्वती स्मृति सम्मान विचारक, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ प्रेमकुमार मणि को दिए जाने का निर्णय लिया गया है। कुशीनारा उच्च अध्ययन संस्थान, गोरखपुर द्वारा प्रतिवर्ष समाज में अकादमिक योगदान करते हुए सकारात्मक भूमिका निभाने वाले व्यक्ति को सुप्रसिद्ध किसान नेता और स्वतंत्रता-संग्राम सेनानी सहजानंद सरस्वती की स्मृति में सम्मान दिये जाने की घोषणा की गयी थी। इसके अंतर्गत एक सम्मान पत्र,स्मृति चिन्ह् और ग्यारह हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है।

यह जानकारी कुशीनारा उच्च अध्ययन संस्थान के सचिव आनन्द पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि निर्णायक समिति में प्रोफेसर शफीक अहमद (जामिया मिल्लिया,नयी दिल्ली), डॉ सुरेंद्र यादव (उत्तराखंड), डॉक्टर संजय सुमन (बिहार), डॉ शिरीष पाठक (उत्तर प्रदेश) और डॉ. मनीषा सिंह (बलिया, उत्तर प्रदेश) शामिल थी। निर्णायक समिति ने सर्वसम्मति से फैसला लिया। सम्मान समारोह का आयोजन अप्रैल माह के तीसरे सप्ताह में किया जाएगा।

श्री पाण्डेय ने बताया कि बिहार के निवासी प्रेम कुमार मणि ने छात्र राजनीति में भागीदारी करके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। सामाजिक मुद्दों विशेषकर वंचित समुदायों के पक्ष में और शोषण के विरुद्ध वैचारिक और व्यावहारिक भागीदारी करते उन्होंने ज्ञान के विविध पक्षों में सकारात्मक योगदान दिया है। इन्होंने एक चर्चित आलोचनात्मक किताब ‘ मनुस्मृति : एक प्रतिक्रिया’ लिखी है। दिनमान से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद आज तक वे प्रतिष्ठित और प्रतिबद्ध समाचार पत्रों और मीडिया माध्यमों में लेखन कर रहे हैं।

एक साहित्यकार के रूप में उनके चार कहानी संग्रह,एक उपन्यास,दो निबंध और ज्योति बा फुले पर जीवनी प्रकाशित हो चुकी है।प्रतिनिधि कथा लेखक के रूप श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार(1993) , बिहार सरकार के राष्ट्रभाषा परिषद् द्वारा विशेष साहित्य सेवा सम्मान(1993), विवेकानंद युवा पुरस्कार(1995), फिलॉसफी एंड सोशल एक्शन अवार्ड जैसे अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके है।

एक राजनीतिक व्यक्ति के रूप में उन वामपंथी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई और जनांदोलनों में सक्रिय भागीदारी की।बाद में वह समता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड में शामिल हुए। अभिव्यक्ति, सामाजिक न्याय और मूर्त्त पक्षधरता के बहसों के बीच उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल की सदस्यता ग्रहण की और उसके उपाध्यक्ष बनें।श्री प्रेमकुमार मणि जी बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे।आज भी मणि जी लोकतंत्र, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और विवेकशील समाज के पक्ष में सक्रियता के सभी धरातलों पर एकसाथ सक्रिय हैं।उनका आशावाद भारतीय जनता विशेषकर किसान, मजदूरों और सामाजिक रूप से वंचितों के पक्ष में है। इसलिए निर्णायक समिति ने यह सम्मान उन्हें दिए जाने का निर्णय लिया है।

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