Tag : ध्रुवदेव मिश्र पाषाण

स्मृति

‘ बुनती रहे हमारी अंगुलियां/इकतारे की धुन पर/सुनते हुए अनहद का नाद/झीनी-झीनी चादर यह ’

कौशल किशोर    क्रांतिकारी वाम व जनवादी धारा के कवि ध्रुवदेव मिश्र पाषाण का जाना आहत कर देने वाला है। 7 जनवरी सुबह 9:00 बजे...
साहित्य - संस्कृति

ध्रुवदेव मिश्र पाषाण : सार्थक को सिरजने का सर्जक

कौशल किशोर आज हिंदी कविता के क्षेत्र में ऐसे कवियों की बड़ी और महत्वपूर्ण उपस्थिति है जो बढ़ती उम्र के बावजूद सृजनात्मक रूप से सक्रिय...