वस्तुओं की वास्तविकता को समझना व देखना विपश्यना है – डॉ. कंडेगमा दीपावंसालंकार थेरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ द्वारा सप्तदिवसीय शीतकालीन योग कार्यशाला विषय ’ योग एवं दर्शन’ के अंतर्गत 19 दिसम्बर को...