Tag : Premchand

साहित्य - संस्कृति

‘ प्रेमचंद का लेखन विषमता, साम्प्रदायिकता, तानाशाही, अंधराष्ट्रवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की प्रेरणा देता है ’

बलिया। जन संस्कृति मंच की बलिया इकाई ने 11 अगस्त को पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी हॉल में ‘ प्रेमचंद और आज का समय ’ विषय पर...
समाचार

समानता, बंधुत्व के आदर्श की प्राप्ति में साहित्य की भूमिका प्रमुख

गोरखपुर। प्रेमचंद जयंती की पूर्व संध्या पर 30 जुलाई को गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के सभागार में ‘साहित्य का उद्देश्य’ के पुनर्पाठ कार्यक्रम का आयोजन...
समाचार

क्या ये प्रेमचंद हमारे जमाने की जरूरत नहीं हैं ?

प्रस्तुति: नासिरूद्दीन   वैसे, हमारे वक्त में प्रेमचंद का क्या काम ? जाहिर है, ऐसा लग सकता है।  प्रेमचंद का इंतकाल 1936 में यानी आज...
समाचारसाहित्य - संस्कृति

प्रेमचन्द ने सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद गोरखपुर में दो महीने करघा संघ चलाया था

मनोज कुमार सिंह प्रेमचन्द का गोरखपुर से गहरा सम्बन्ध है। उनके बचपन के चार वर्ष यहीं बीते तो जवानी के साढे चार वर्ष भी। वह...
समाचारसाहित्य - संस्कृति

‘ प्रेमचंद के साहित्य में सारे हिंदुस्तान की जिंदगी नजर आती हैं ’

सेंट एंड्रयूज कालेज में प्रेमचंद पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार ‘ गोरखपुर में प्रेमचंद : शताबदी स्मरण ‘ कार्यक्रम शृंखला के के तहत हुआ आयोजन कुवैत और नेपाल...