Tag : premchand

समाचार

प्रेमचंद ने अपने समय और इतिहास के बड़े प्रश्नों से मुठभेड़ की : प्रो अनिल राय

प्रेमचंद जयंती पर पत्रिका ‘ कर्मभूमि ‘ का लोकार्पण और संगोष्ठी हुई गोरखपुर। प्रेमचंद साहित्य संस्थान ने  प्रेमचंद जयंती पर प्रेमचंद पार्क में ‘ प्रेमचंद...
साहित्य - संस्कृति

प्रेमचंद के पहले हिन्दी उपन्यास ‘ सेवासदन ’ पर अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी 16-17 दिसम्बर को

  गोरखपुर. प्रेमचंद के पहले हिन्दी उपन्यास सेवासदन के सौ साल पूरा होने पर प्रेमचंद साहित्य संस्थान द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग...
समाचार

12 युवा कथाकारों ने कहानी पाठ कर प्रेमचन्द को याद किया

अलख कला समूह ने प्रेमचन्द की दो कहानियों-बूढी काकी, मंदिर का मंचन किया प्रेमचन्द जयंती कार्यक्रम का दूसरा दिन गोरखपुर। प्रेमचन्द साहित्य संस्थान द्वारा प्रेमचन्द...
साहित्य - संस्कृति

इप्टा ने प्रेमचन्द की कहानी पर आधारित नाटक ‘ चमत्कार ’ का मंचन किया

प्रेमचन्द पार्क में प्रेमचन्द जंयती कार्यक्रम का पहला दिन गोरखपुर। प्रेमचन्द जयंती पर प्रेमचन्द साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन आज...
साहित्य - संस्कृति

प्रेमचंद जयंती पर नाटक और किस्सागोई 30-31 जुलाई को प्रेमचंद पार्क में

गोरखपुर। प्रेमचंद जयंती पर प्रेमचंद साहित्य संस्थान विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर दो नाटकों का मंचन और किस्सागोई का कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ये...
साहित्य - संस्कृति

प्रेमचंद पार्क में प्रेमचंद की कहानी ‘ मंत्र ’ का नाट्य मंचन

गोरखपुर । अलख कला समूह ने शनिवार को मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘ मंत्र ’ का नाट्य मंचन प्रेमचंद पार्क में बने मुक्ताकाशी मंच पर किया...
विचार

ताकि उन्हें किसी सेवासदन में न जाना पड़े

सदानंद शाही आज से सौ वर्ष पहले प्रेमचंद ने एक उपन्यास लिखा – सेवासदन. सेवासदन की याद आज केवल इसलिए नहीं आ रही है कि...
समाचारसाहित्य - संस्कृति

प्रेमचंद हमारे इतिहास के नायक थे और हमारे अपने वक्त के भी नायक हैं : प्रो अनिल राय

प्रेमचंद जयंती पर प्रेमचंद पार्क में प्रेमचंद और आज का समय पर व्याख्यान, नाटक व दास्तानगोई का आयोजन गोरखपुर, 31 जुलाई। प्रेमचंद अपने समय के...
साहित्य - संस्कृति

भारतीय किसान की मृत्यु का शोकगीत है ‘ गोदान ’ -प्रो गोपाल प्रधान

प्रेमचन्द जयंती पर ‘ प्रेमचन्द और किसान ’ पर व्याख्यान अलख कला समूह ने ‘ गुल्ली डंडा ’ का मंचन किया गोरखपुर, 31 जुलाई। प्रेमचन्द...
समाचारसाहित्य - संस्कृति

प्रेमचन्द ने सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद गोरखपुर में दो महीने करघा संघ चलाया था

मनोज कुमार सिंह प्रेमचन्द का गोरखपुर से गहरा सम्बन्ध है। उनके बचपन के चार वर्ष यहीं बीते तो जवानी के साढे चार वर्ष भी। वह...