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शिक्षकों-कर्मचारियों की हुंकार-पुरानी पेंशन की मांग नहीं मानी तो चुनाव में सरकार का विरोध होगा 

लखनऊ। पुरानी पेंशन बहाली सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच की अगुआई में लखनऊ के इको गार्डन में 30 नवंबर को महारैली की। महारैली में हजारों की तादाद में शिक्षकों -कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। कर्मचारी व शिक्षकों में सरकार के प्रति जबरदस्त आक्रोश दिखा। महारैली में ऐलान  किया गया कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले सरकार पुरानी पेंशन बहाली सहित उनकी सभी मांग मान ले नहीं तो विधानसभा चुनाव में सरकार का विरोध किया जाएगा।

महारैली की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने की। उन्होंने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक कर्मचारी संगठनों की मांगों पर पूर्व की सरकारें समस्याओं का निराकरण करती थी, परंतु यह पहली सरकार है जो कर्मचारियों द्वारा अपने संघर्षों से अर्जित की गई उपलब्धियों को छीन रही है। प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का 10 हजार करोड़ का भुगतान सरकार ने रोका हुआ है। एक दर्जन से अधिक भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं। प्रधानाध्यापकों के लाखों पद सरकार द्वारा समाप्त कर दिए गए और पिछले 5 वर्ष के कार्यकाल में एक भी शिक्षकों को पदोन्नति नहीं दी गई है। शिक्षामित्र व अनुदेशकों को भुखमरी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया गया है। आंगनबाड़ियों एवं रसोइयां आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं परंतु फिर भी सरकार संवेदनशून्य बनी हुई है।

 

उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली सहित सभी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और लोकतंत्र का अंतिम अस्त्र भी प्रयोग करने से नहीं चूकेंगे।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि सरकार के पास अपने शिक्षकों एवं कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु यह आखिरी मौका है। सरकार को हमारी मांगों के प्रति गंभीर और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हुए सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है। यदि सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो संगठन राजनैतिक निर्णय लेने में भी कोई हिचक नहीं करेगा।

मंच के प्रधान महासचिव सुशील त्रिपाठी ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की अनेक समस्याएं सरकार के सामने समाधान हेतु कई बार प्रस्तुत की गई परंतु सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। कर्मचारियों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। आज की महारैली ने यह साबित कर दिया कि प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के अंदर सरकार के प्रति बहुत आक्रोश है जिसका खामियाजा सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में चुकाना पड़ सकता है।

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष इंजीनियर हरिकोशोर तिवारी ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों का पिछले डेढ़ साल के बढ़े हुए महंगाई भत्ते का भुगतान न करके शिक्षकों एवं कर्मचारियों का भारी नुकसान किया है। तयशुदा कैसलेश इलाज सुविधा को लागू नहीं किया। संविदा कर्मियों से बंधुआ मजदूर की तरह कार्य लिया जा रहा है। उन्हें सरकार द्वारा नियमित न करके यह प्रदर्शित किया जा रहा है कि सरकार का मानवीय मूल्यों में कोई विश्वास नहीं है।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर ने सरकार पर वार करते हुए कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को सरकार द्वारा नियमित नहीं किया जा रहा है जिसके कारण उन्हें अल्प वेतन में,जो कि उनके परिवार को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने लायक भी नहीं है, कार्य करना पड़ रहा है जो कि मानवीय मूल्यों के विरुद्ध है।

महारैली को विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी , सुरेश त्रिपाठी सदस्य विधान परिषद नेता शिक्षक दल, इंजीनियरिंग जी एन सिंह (महासचिव उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ), प्रेम कुमार सिंह (अध्यक्ष यूपी मेडिकल एंड हेल्थ मिनि0 एसोसिएशन), संजय सिंह (अध्यक्ष परिवहन कर्मचारी संघ), विष्णु तिवारी (पूर्व अध्यक्ष डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ),अधिनाम श्रीवास्तव (प्रदेश अध्यक्ष उद्यान महासंघ), शिव शंकर पांडे (कोषाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ), राधे रमण त्रिपाठी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ), देवेंद्र श्रीवास्तव (उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ), सुरेंद्र यादव (संयुक्त मंत्री उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ), कृष्णानंद राय (उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय की प्राथमिक शिक्षक संघ), अखिलेश अग्निहोत्री (अध्यक्ष कोषागार कर्मचारी संघ), अरविंद कुमार वर्मा (महामंत्री कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ), शिव गोपाल मिश्रा (राष्ट्रीय महासचिव एआईआरएफ/ एनआरएमयू), इंजीनियर हरिकिशोर तिवारी (अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश), शिव बरन सिंह यादव (महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश), शिव कुमार शुक्ला (अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ, रेनू शुक्ला (अध्यक्ष कस्तूरबा गांधी बालिका शिक्षक संघ), ब्रह्म कुमार सिंह (अध्यक्ष संयुक्त मोर्चा), दीवान जमा साहब (महामंत्री उर्दू अरबिया मदरसा शिक्षक संघ), सत्यदेव सिंह (प्रदेश अध्यक्ष सेवानिवृत्त पेंशनर्स संघ बेसिक शिक्षा), श्याम बहादुर सिंह (स्व वित्त पोषित), इंद्रासन सिंह (महामंत्री उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ), अंबा प्रकाश शर्मा (महामंत्री अधिनस्थ कृषि सेवा संघ उत्तर प्रदेश), विनोद सिंह (अध्यक्ष रजिस्ट्रार कानूनगो संघ) आदि ने संबोधित किया

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