साहित्य - संस्कृति

मगहर महोत्सव में नाटक “जब जागो तभी सवेरा” का मंचन

संत कबीर नगर। मगहर कबीरचौरा के प्रांगण में बने भव्य मंच पर मगहर महोत्सव के तीसरे दिन गुरूवार को सामाजिक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ‘नाट्य दल गोरखपुर’ ने गुलाम हसन खान के निर्देशन में “जब जागो तभी सवेरा” नाटक का मंचन किया।

नाटक की शुरुआत यमलोक का दरबार से होती है। यमराज काफी चिंतित नजर आ रहे हैं कि पृथ्वी लोक से असमय मृत्यु पाकर लोग यमलोक आ रहे हैं और यहां इतनी संख्या अधिक हो गई है कि आत्माओं को रहने की जगह भी भविष्य में कम पड़ जाएगी । इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए दो यमदूत चंड व मुंड को पृथ्वी लोक पर अवलोकन करने के लिए भेजते हैं जिसकी मुलाकात एक लकड़हारे से होती है जो पेड़ काटता है जिसे यमदूत देखकर उसे समझाते हैं कि पेड़ काट दोगे तो आक्सीजन की कमी हो जाएगी और तुम सभी असमय मृत्यु का कारण बन जाओगे। इस पर लकड़हारा समझ जाता है। आगे एक व्यक्ति खुले में शौच करने के लिए जाता है खुले शौच से हो रहे नुकसान के बारे में यमदूत उस व्यक्ति को समझाता है। इसी तरह भोला नाम का व्यक्ति सपने में यमदूतों को देख शराब पीना और पत्नी को उत्पीड़ित करना छोड़ देता है।

नाटक में विनोद चंद्रेश ,गिरजेश दुबे, आस्था, प्रियंका शर्मा, पूनम मिश्रा, ईश्वर चंद्र राव, प्रियांशु गोंड़, सुजल यादव, उपेंद्रनाथ तिवारी,रंजीत प्रताप, देशबंधु और सूत्रधार की भूमिका में सुप्रिया रावत ने जीवंत अभिनय किया। रूपसज्जा गुलाम हसन खान की थी जबकि आर्गन पर आदित्य, ढोलक पर अभिषेक यादव रहे। लाइट एवं डिजाइन रंजीत प्रताप, उपेंद्र तिवारी, सेट डिजाइन बेचन सिंह, निर्देशन एवं मंच परिकल्पना गुलाम हसन खान का रहा।

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