स्वास्थ्य

तीन आशा संगिनियों और 57 आशा कार्यकर्ताओं को बेहतर कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में आयोजित हुआ सम्मेलन

गोरखपुर. ‘ आशा कार्यकर्ता ही स्वास्थ्य सेवाओं की धुरी हैं। सरकार की स्वास्थ्य व पोषण संबंधित कोई योजना तब तक सफल नहीं हो सकती है जब तक कि आशा बहू का सक्रिय योगदान न हो। अगर प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आई है तो इसमे आशा का महत्वपूर्ण योगदान है। ‘

उक्त बातें गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह ने जिला आशा कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि कहीं।

पं. दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत भवन में आयोजित इस सम्मेलन में तीन आशा संगिनियों व 57 आशा कार्यकर्ताओं को बेहतर योगदान के लिए पुरस्कृत भी किया गया।

ग्रामीण विधायक विपिन सिंह ने सरकार की योजनाओं की चर्चा करते हुए आशा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह पूरी निष्ठा के साथ समाज के गरीब तबके की सेवा में योगदान दें। सरकार उनके योगदान को समझती है और इसीलिए उन्हें इस साल से 750 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहां आयुष्मान भारत जैसी योजना है जिसमें गरीबों को पूरी तरह से निशुल्क इलाज मिलता है।

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने इस अवसर पर आशा कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण करने में आशा कार्यकर्ताओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने मातृ-मृत्यु दर और टीकाकरण में आशा बहुओं के योगदान की तारीफ की और कहा कि गरीबों के लिए आशा भगवान स्वरूप हैं। उन्होंने आशाओं को आश्वस्त किया कि उनकी हर छोटी बड़ी समस्या का समाधान होगा और नियत मानदेय के लिए भी वह शासन में प्रयास करेंगे।

अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. जेएम त्रिपाठी ने कहा कि समय-समय पर आशा कार्यकर्ताओं को जो प्रशिक्षण दिये जाते हैं, उन्हें गंभीरता से सीखना चाहिए। आशा के प्रयासों से ही राष्ट्रीय कार्यक्रमों मे सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की हर समस्या का समाधान करने के लिए विभाग के अधिकारी सदैव तत्पर रहेंगे।

मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. श्रीकांत तिवारी ने आशा कार्यकर्ताओं की स्वास्थ्य क्षेत्र में भूमिका की सराहना करते हुए घटते लिंगानुपात पर चिंता जताई और इस क्षेत्र में मदद की अपील की। सीएमओ ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या की घटनाओं को रोकने में आशा कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना में भी आशा कार्यकर्ताओं से सक्रिय योगदान की अपील भी की।

आशा कार्यकर्ता संघ की प्रदेश अध्यक्ष चंदा यादव ने सभी आशाओं से अपील की कि वे पूरी निष्ठा व तत्परता के साथ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम करें। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल आरसीएच डा. नंद कुमार ने आशा कार्यकर्ताओं को सभी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर जिला स्तर पर उल्लेखनीय योगदान करने वाली पाली की आशा संगिनी पूनम भट्ट को प्रथम, भटहट की आशा संगिनी मंजू सिंह को दूसरा जबकि डेरवा की आशा संगिनी शकुंतला सिंह को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन खोराबार की स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी श्वेता पांडेय ने किया। आभार ज्ञापन जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ओपीजी राव द्वारा किया गया।

इस अवसर पर एसीएमओ व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आईवी विश्वकर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी डा. एके पांडेय, डिप्टी डीएचआईओ सुनीता पटेल, डिवीजनल कार्यक्रम प्रबंधक अरविंद पांडेय, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद, क्वालिटी कंसल्टेंट डा. मुस्तफा, डीईआईसी मैनेजर डा. अर्चना, प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अश्विनी चौरसिया, स्वास्थ्य विभाग से डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, मनीष त्रिपाठी, इंद्रदेव सिंह, संदीप राय, आदिल, फखर , मो. फैजान, विजय श्रीवास्तव, नीरज, लालमन, अजय, जामिन, असगर समेत जिले के सभी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व बीसीपीएम मौजूद रहे।

60 कार्यकर्ताओं को मिला सम्मान

सीएमओ डा. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि तीन आशा संगिनियों के अलावा प्रत्येक ब्लाक की तीन-तीन आशा कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया गया। आशा संगिनी को प्रथम पुरस्कार 5000, दूसरा पुरस्कार 3000 जबकि तीसरा पुरस्कार 2000 रुपये का चेक दिया गया जबकि आशा कार्यकर्ता को प्रथम पुरस्कार के तौर पर 5000, दूसरा पुरस्कार 2000 जबकि तीसरा पुरस्कार 1000 रुपये का दिया गया। सीएमओ ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का संदेश पढ़ा जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तत्पर आशा कार्यकर्ताओं को बधाई दी गयी है।

जागरूकता के गीतों से सराबोर रहा कार्यक्रम
आशा कार्यकर्ता सम्मेलन में विभिन्न सामाजिक विषयों पर लोकगीतों का प्रस्तुतिकरण आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा ही किया गया। स्वागत गीत व सरस्वती वंदना शिवांगी राय व सुशीला राय ने प्रस्तुत किया। आशा कार्यकर्ता नीलम मिश्रा, दुर्गावती सिंह, नूतन त्रिपाठी, सुमन शर्मा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सम्पूर्ण टीकाकरण, जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दों पर गीत प्रस्तुत किये। जेई-एईस से संबंधित नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को समझाया गया कि उन्हें समुदाय में किस प्रकार जागरूकता का संदेश देना है। कार्यक्रम में सूर्या क्लिनिक, एविडेंस एक्शन, पीएसआई, विश फाउंडेशन, जिला क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, जिला कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े स्टाल लगा कर आशा कार्यकर्ताओं को विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी गयी।

और बेहतर काम करेंगे
कार्यक्रम में जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत आशा संगिनी पूनम भट्ट ने बताया कि वह 2006 में आशा के रूप में चयनित हुई थीं। उन्हें पहले भी दो पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। संगिनी के रूप में उनका यह पहला पुरस्कार था। दूसरा और तीसरा पुरस्कार पाने वाली मंजू सिंह और शकुंतला सिंह ने बताया कि नवजात बच्चों की देखभाल में आशा कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन समेत सभी कार्यक्रमों में आशा के साथ भागीदारी करने के लिए उन्हें पुरस्कृत किया गया है। इस पुरस्कार के बाद वह सभी और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित हुई हैं।

मनाया गया आशा जन्मदिवस
कार्यक्रम के दौरान केक काट कर आशा जन्मदिवस भी मनाया गया। आकाशवाणी से जुड़े गायक गोपाल पांडेय ने हैप्पी बर्थ डे टू यू गाने के जरिए जन्मदिवस में सभी कार्यकर्ताओं को सहभागी बनाया। इस दौरान जोरदार तालियों से करीब 800 आशा कार्यकर्ता व संगिनी ने अपने जन्मदिन में प्रतिभाग किया।

इन आशाओं को मिला पुरस्कार
पिपरौली से तारामती, विजय लक्ष्मी, शशिकला, गोला से मिथिलेश सिंह, सुनीता देवी रीता दूबे, बेलघाट से रामपति, कलापती, रूमाली, कैंपियरगंज से उर्मिला, नीलम, सरोज, गगहा से अश्वनी देवी, सविता, विद्यावती, बांसगांव से संतोषी, सरोज, सुनीता सिंह, पिपराईच से पुष्पा, बिंदु, सुनीता, डेरवा से मंजू, प्रभा, सुधा, जंगल कौड़िया से मालती, कृष्णावती, विद्यावती, कौड़ीराम से राधा, अनिता, अर्चना, खोराबार से मीरा, लालमंजू, बेबी, पाली से किरन, सरोज, सोनमती, ऊरवा से सिंधु, सरला, आशा, सहजनवां से कुसुम, मंजू, रंजीता, सरदारनगर से पानमती, मंजू, राजकुमारी, भटहट से अतरून, कमला, सीमा, ब्रह्मपुर से संध्या, मालती, कलावती, खजनी से मालती, मीरा, शैला और चरगांवा से मीरा, ललिता और ममता को अपने-अपने ब्लाक में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रथम, दूसरे और तीसरे पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

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