Monday, December 11, 2023
Homeचुनाव............जब मुझे एग्जिट पोल करने वाले मिले

…………जब मुझे एग्जिट पोल करने वाले मिले

मुझे हमेशा अजूबा-सा लगानेवाला एग्जिट पोल 19 मई के मतदान के दिन दिख गया. मैं अपने जिले के उत्तरी हिस्से में स्थित महापालिका क्षेत्र के बाहर के एक गाँव में मैं सुबह 8 बजे पहुंचा तो वहां एग्जिट पोल दल उपस्थित था.

उस दल के एक सदस्य ने मुझे बताया कि एग्जिट पोल के लिए टीम मेम्बर्स का चयन और प्रशिक्षण जनवरी माह में ही पूरा हो गया था. प्रशिक्षक सेफोलॉजिस्ट थे. जो जाति, वर्ण, मजहब, पेशा, आय वर्ग के आधारपर क्षेत्र का अध्ययन करने के तरीके और पोल के तरीके बताए थे. फिर नियुक्त सदस्यों ने एक माह बाद अपने लिए निर्धारित क्षेत्रों में पहुँच कर सामाजिक संरचना के नक़्शे बनाये.

एग्जिट पोल करते समय मैंने देखा कि दल के लोग बहुत बेचैन थे, उन्हें तयशुदा वांछित वर्गों के वोटरों को खोजना था. उनके पास एक लैपटॉप था, जिसमें सॉफ्टवेयर पड़ा था, उसमे बूथ का नाम, वोटर का लिंग, जाति, धर्म, उम्र, इनकम ग्रुप आदि की जानकारी भरने के बाद उस वोटर से गोपनीय ढंग से वोटेड प्रत्याशी को फिर से वोट करना था. सॉफ्ट वेयर वोट को अपने वर्ग समूह में भेज देता .

दल को हर जाति व सामाजिक वर्ग से कम से कम पांच और अधिक से अधिक दस वोटरों से वोट लेना था. इसके लिए उन्होंने पहले से दलाल किस्म के लोगों को संपर्क में रखा था जो वांछित वोटर को बूथ से बाहर निकलते ही खींच लाता था.

मुझे साफ़ दिखा की दलाल अपने ही लोगों को एक-एक कर सामने ला रहा था. वह अच्छे पहनावे के लोगों को सवर्ण और कमतर को अन्य जातियों का बता रहा था. दल के पास छपे फार्म भी थे, कुछ से फार्म भरवाकर वोट लिए गए.

मतों का विश्लेषण सॉफ्टवेयर से होना था. बाद में फॉर्म की जानकारी को खोल कर सॉफ्ट वेयर में दल को ही लोड करना था. यहाँ गोपनीयता भंग होनी ही थी. यह दल की इमानदारी पर था. नौ बजते-बजते दल बेचैन हो गया. कई समूहों के लोग उसे खोजने पर भी नहीं मिल पा रहे थे. वे बूथ पर उस समय नहीं आये.

दल ने दूसरे गाँव के दलाल को अपने पहुँचने की सुचना दी. मैं भी दूसरे गाँव पहुंचा, वहाँ पहले से ही एग्जिट वोटर्स मौजूद थे, दो लड़कियां भी वहाँ एग्जिट पोल के लिए खड़ीं थी. मुझे सभी पंद्रह वोटर एक ही समूह के लगे, लेकिन वे सब अपने को अलग- अलग समूहों के बता रहे थे. मेरे पूछने पर दल ने बताया कि 12 बजे तक इस क्षेत्र में लगे सभी पांच दलों को रिपोर्ट समेत कर सेंटर को भेज देनी है.

दल तीसरे लक्ष्य की ओर चला गया जहाँ एक ख़ास समूह के लोग वोटर थे. रिपोर्ट को पूरे क्षेत्र के मतदाताओं की संख्या प्रतिशत में बदलने और परिणाम निकलने का काम सेंटर को करना था.

 

(लेखक का नाम उनके अनुरोध पर नहीं दिया जा रहा है. लेखक इस चुनाव में एग्जिट पोल करने वाले एक टीम के साथ थे )

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments