गोरखपुर, 1 जून। अखिल भारतवर्षीय गोंड महासभा के सतीश चन्द्र गोंड ने गोंड जाति को अनुसूचित जन जाति का प्रमाण जारी नहीं किए जाने पर रोष जताया है।
उन्होने कहा कि 27 जुलाई 1977 को उप्र प्रदेश में निवासरत गोंड जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में घोषित किया गया था। इसके बाद अनुसूचित जाति/जनजाति आदेश (संशोधन) अधिनियम 2002 के द्वारा उप्र के 13 जनपदों में गोंड तथा उसकी प्रयाय/उपजाति धुरिया को अनुसूचित जनजाति में घोषित किए जाने हेतु कई शासनादेश जारी हो चुके हैं, लेकिन तहसीलों के अधिकारी/कर्मचारी प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहे है। उन्होंने गोंड जाति का प्रमाण पत्र निर्गत करने की मांग की ।
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