जीएनएल : दिल्ली जहां आपने राज और राजनीति दोनों की। वह एक बड़ा शहर जैसा है जबकि यूपी सबसे बड़ा राज्य है। यह आपके लिए कितना बड़ा चैलेंज है, क्या आपको जो जिम्मेदारी दी गयी उसकी वजह यूपी के ब्राहमण वोट है ?
शीला दीक्षित :– मेरा सीधा सा जवाब है कि मेरी पार्टी ने दिल्ली में मेरा काम देखा इसलिए यूपी में काम करने के लिए कहा। मैं यूपी की रहने वाली हूं, यहीं मेरी ससुराल है। मैंने अपनी सियासी जिदंगी की शुरूआत लोकसभा चुनाव में यहीं से की। पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है उसी बखूबी निभाऊंगी।
जीएनएल: यूपी चुनाव में कांग्रेस ने कितनी सीटो का टारगेट रखा है ?
शीला दीक्षित : पार्टी ने टारगेट नहीं रखा है। सीटों का टारगेट रखा भी नहीं जाता है। अभी पूरी तरह से चुनाव शुरू हो जायें। अभी तो छह आठ महीने पड़े है। हम अपना जो काम करना चाहिए, वह कर रहे है।
जीएनएल: क्या आप चाहती है कि यूपी चुनाव से पहले राहुल गांधी की ताजपोशी हो जायें ?
शीला दीक्षित :– देखिए! वह फैसला कांग्रेस करेगी। पार्टी की कोर कमेटी, वर्किंग कमेटी व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी जी को निर्णय लेना है। वह फैसला चुनाव नहीं करेगा।
जीएनएल : क्या वरूण गांधी कांग्रेस में शामिल हो रहे है ?
शीला दीक्षित : मुझे नहीं मालूम। कोई भी कांग्रेस में आता है तो अच्छा लगता है। ये फैसला उन्हें करना है। ये आप लोगों की तरफ से हवा उड़ायी गयी है।
जीएनएल :– भाजपा व सपा दावा कर रहे है कि यह चुनाव उनके बीच है। आप क्या कहना चाहती है ?
शीला दीक्षित :– चुनाव में सभी की हिस्सेदारी होती है। यह कहना गलत है कि यूपी का चुनाव दो राजनीतिक दलों के दरम्यान है। यह तमाम पार्टियों का चुनाव है और सभी मैदान में है।