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उद्योगपति दोस्तों का कर्ज माफ हो सकता है तो किसानों का क्यों नहीं  : राहुल गांधी

रुद्रपुर (देवरिया), 6 सितम्बर। राहुल गांधी ने आज एक महीने तक चलने वाली 2500 किलोमीटर लम्बी किसान यात्रा की शुरूआत देवरिया जिले के रूद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के पचलड़ी गांव से की। वहां उन्होंने पांच किसानों-हंसा सिंह, प्रद्युम्न सिंह, राम सिंगारे, ओमप्रकाश, बड़ेलाल प्रजापति के घर जाकर उनसे बातचीत की और मांग पत्र भरवाया। उन्होंने रामसिंगारे द्वारा पेश की गई काजू भी खाई। इसके बाद वह रूद्रपुर के सतासी इंटर कालेज के खेल मैदान में पहुंचे।

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राहुल गांधी करीब आठ मिनट बोले और उन्होंने कहा कि वह अपनी इस यात्रा के जरिए मोदी सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं कि जिस तरह उन्होंने बड़े उद्योगपति दोस्तों का 50 हजार करोड़ रूपए का कर्ज माफ कर दिया उसी तरह यूपी और देश के किसानों का कर्ज माफ करे। हमारी पार्टी ने सरकार में रहते हुए 70 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था। यूपीए की सरकार ने कर्ज माफ कर और समर्थन मूल्य बढ़ाकर किसानों की मदद की थी लेकिन मोदी सरकार नेे समर्थन मूल्य बढ़ाना बंद कर दिया है। हमने लोकसभा में सवाल पूछा कि क्या कारण है कि किसान को अपनी फसल का मार्केट रेट नही मिल रहा है। किसान 40 रूपया किलो दाल बेचता है लेकिन वह उपभोक्ताओं के पास 200 रूपए में पहुंचता है। यह फर्क किसके जेब में जा रहा है ? प्रधानमंत्री जी ने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया। हमारी लखनउ और दिल्ली में सरकार नहीं है लेकिन हम किसानों और मजदूरों के दुख के साथ हैं और उनके संग मिलकर लड़ेंगे।

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राहुल की किसान यात्रा प्रदेश के 39 जिलों के 223 विधानसभाओं से गुजरेगी। इस यात्रा के लिए ‘ कर्ज माफ, बिजली बिल हाफ और समर्थन मूल्य का करो हिसाब’ दिया गया है। इस यात्रा के जरिए कांग्रेस उत्तर प्रदेश के सवा दो करोड़ किसानों पर 49 हजार करोड़ के कर्ज माफ की मांग को प्रमुखता से उठाकर किसानों में पैठ बनाना चाहती है ताकि यूपी के चुनाव में कांग्रेस को नया जीवन दिया जा सके।

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