जीएनएल रिपोर्टर
ठूठीबारी (महराजगंज), 10 नवम्बर। केन्द्र सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए जाने से आम लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। जेब मे पैसा होने के बावजूद जरूरी वस्तुओं की खरीददारी नही कर पाने से लोग दुःखी हैं। अचानक हुए फैसले से लोगांे का दिनचर्या ही बदल गई है। दो दिन तो घर में रखे चिल्लर काम आए लेकिन आने वाले दिनों की लोग चिंता कर रहे हैं। बृहस्पतिवार की सुबह से ठूठीबारी सहित बरगदवा बाजार के बैंको मे लोगो की कतारें देखी गयी लेकिन अधिकतर लोग निकासी करने में सफल नहीं हो पाए।
ठूठीबारी व आसपास के लोगों के जेब मे पैसा होने के बावजूद खरीददारी ना हो पाने से जहां एक ओर दिनचर्या बिगड़ सी गयी है वही घर मे रखा चिल्लर पैसा अब नदारद हो गया है। जिसकी जेब मे देखो 500-1000 के नोट तो है पर वे अपने को कंगाल से महसूस कर रहे हैं। लोगों के सामने नास्ता से लेकर खाना खाने तक की दिक्कत हो गयी है। भारत-नेपाल की सीमा पर बसा कस्ब़ा होने के कारण यहां मनी एक्सचेंजरों की चांदी हुआ करती थी जो अब देखने को नही मिल रही। जिसके पास भी भारतीय करेन्सी डम्प पड़ा है वह किसी तरह उसे निकालने की जुगत मे दिख रहा है। बृहस्पतिवार की सुबह 8 बजे से स्थानिय बैंक सहित आसपास के बैकों मे ग्राहको की कतार देखी गयी। वही पैसो की निकासी व चिल्लर ना मिलते से लोगों मे निराशा देखने को मिली। लोगों का कहना है कि बैंको के माध्यम से सिक्कों का भी बंदोबस्त सरकार को करना चाहिए जिससे कि रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीददारी की जा सके।