इंजीनियरिंग, मेडिकल और दूसरे प्रोफेशनल कोर्स के लिए उप्र अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम से एजुकेशनल लोन लेने का मामला
400 छात्र -छात्राओं से तीन फीसदी सूद की वसूली के लिए निगम ने भेजा नोटिस
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर, 15 मार्च। प्रोफेशनल कोर्स पूरा करने के लिए गोरखपुर के गरीब अल्पसंख्यक छात्रों ने दस साल पहले एजुकेशन लोन लिया, वह भी प्रदेश सरकार के अधीन काम करने वाले निगम से। पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी भी मिल गयी। लोन कई किश्तों में चुका दिया लेकिन अब निगम द्वारा तीन फीसदी सूद भी मांगा जा रहा हैं। निगम द्वारा बाकायदा लोन लेने वालों को नोटिस भेजा जा रहा हैं और तय समय सीमा के अंदर सूद की रकम जमा करने की हिदायत दी जा रही हैं। बेचारे लाभार्थी जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग गोरखपुर के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं।
लाभार्थीयों का कहना हैं कि एजुकेशन लोन लेते समय यह बताया गया था कि यह सूद रहित हैं लेकिन अब तीन फीसदी सूद मांगा जा रहा हैं। उप्र अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम द्वारा लोन अदायगी के बाद लाभार्थियों से सूद की रकम वसूल करने के लिए नोटिस जारी कर रहा हैं। लाभार्थी हैरान व परेशान हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल और दूसरे प्रोफेशनल कोर्स के लिए ढ़ाई लाख रुपये तक का एजुकेशनल लोन उप्र अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम देता था। दस साल पहले गोरखपुर से तकरीबन 400 छात्रों को इस स्कीम के तहत लोन दिया गया था। छात्रों को नौकरी मिलने के बाद कर्ज वापस करना था। नौकरी मिलने के बाद ज्यादातर लोन लेने वालों ने लोन अदायगी कई किश्तों में कर दी थीं लेकिन जब इन लोगों ने नोड्यूज सर्टिफिकेट के लिए उप्र अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम को आवेदन किया तो निगम ने तीन फीसदी सूद माांगते हुये आवेदन रद्द कर दिया।
रुस्तमपुर इलाके की आलिया बेनजीर, खोखरटोला के अयाज खान, मिर्जापुर के इस्माईल बेग, जावेद अहमद, एजाज खान, मोहम्मद इकबाल खान आदि ने योजना के तहत लिये गये लोन की अदायगी कर दी हैं। इसके बावजूद निगम ने उन्हें लोन पर सूद की रकम देने के लिए नोटिस भेज दिया। नोटिस मिलने के बाद बहुत से लोगों ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में शिकायत दर्ज करायी हैं। इनका आरोप हैं कि लोन देते वक्त सूद के बारे में जानकारी नहीं दी गयी थीं। जितना लोन लिया था उसे बहुत पहले अदा कर दिया था लेकिन इसके बावजूद निगम के द्वारा इस तरह का नोटिस परेशानी का सबब हैं।
मोहम्मद इकबाल खान ने बताया कि उन्होंने एमबीए का कोर्स 2007 में करने के लिए 64750 रुपया का एजुकेशन लोन लिया था और उसकी अदायगी तय समय सीमा के अंदर जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मारफत कर दिया था। इसके बाद नोड्यूज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया, लेकिन निगम के द्वारा सूद समेत लोन की अदायगी की नोटिस थमा दी गयी।
निगम के जफर किदवई ने बताया कि लोन तीन फीसदी सूद के साथ ही था। इसलिए सूद की रकम के लिए नोटिस भेजा जा रहा हैं।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बता चुके है ब्याज रहित लोन
दिलचस्प बात हैं कि 8 जुलाई 2013 को उस समय के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने निगम को एक चिट्ठी लिखीं। जिसमें एजुकेशन लोन को सूद रहित बताया। उन्होंने लोन चुकाने वाले एक शख्स को निगम से नोड्यूज सर्टि्फिकेट जारी करने की बात लिखीं थीं। उन्होंने खत में लिखा कि मोहम्मद अयाज खान ने 2008 में 90000 हजार रुपया का लोन ‘सूद रहित’ हासिल किया था। इनकी आईडी नं. 00489 हैं। मोहम्मद अयाज के द्वारा लोन की अदायगी कर दी गयी हैं। इनका नोड्यूज सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाये।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का कहना हैं कि चूंकि दस साल पहले लोन मिलता था। इसलिए लोन की शर्तों के बारे में अभी कुछ बता नहीं सकते।