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विकास नारायण राय, तारिक आजमी , हसीब अहमद सहित 12 लोग माटी सम्मान से सम्मानित

‘‘खलीलुर्रहमान आजमी: एक बाजयाफ्त’’ नामी पुस्तक का हुआ विमोचन 
आजमगढ़, 7  अक्टूबर.  शिब्ली एकेडमी के कांफ्रेंस हाल में 6 अक्टूबर को आयोजित एक कर्यक्रम में  अपने -अपने  क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले  आजमगढ़, जौनपुर, मऊ के नामचीन शख्सियतों को ‘माटी सम्मान’ से नवाजा गया। इस मौके पर लेखक व पत्रकार आसिफ आजमी द्वारा लिखी गई ‘‘खलीलुर्रहमान आजमी: एक बाजयाफ्त’’ नामी पुस्तक का विमोचन भी हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन मजलिस फख्रे बहरैन बराए फरोग उर्दू, आईडीया कम्यूनिकेशनज, दारूल मुसन्निफीन शिब्ली एकेडमी और शिब्ली नेशनल कालेज के तत्वावधान में किया गया था।

कार्यक्रम में वी.के. बरनवाल ( पूर्व चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स),विकास नारायण राय ( पूर्व डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस हरियाणा), इंजिनियर तारिक आजमी (चेयरमैन हिलाल फाउंण्डेशन मलेशिया), हसीब अहमद ( पूर्व रजिस्टार जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली), डा. खालिद शेख ( डायरेक्टर साईं ग्रुप आफ हास्पिटैलिटी महाराष्ट्रा), प्रो. नागेंद्र सिंह ( कृषि वैज्ञानिक दिल्ली ),जयशंकर गुप्ता ( वरिष्ठ पत्रकार दिल्ली),परिचय दास ( कवि व पूर्व सचिव मैथिली भोजपुरी एवं हिंदी अकादमी दिल्ली),जेड.क. फैजान ( सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट) ,नौशाद अहमद ( चेयरमैन वीआईएल लिमिटेड),अनीस आजमी, (पूर्व सचिव उर्दू अकादमी दिल्ली) और डा. शाह आलम ( मैनेजिंग डायरेक्टर बीएमसी बैंक) को माटी सम्मान से सम्मानित किया गया.

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इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ चिकित्सक व समाजसेवी डा. अजीज अहमद ने कहा कि खलीलुर्रहमान आजमी का नाम सिर्फ आजमगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का एहसास कराता है।  आज का इस प्रोग्राम से आजमगढ़ की छवि और निखर कर सामने आयी है साथ ही उन लोगों को जवाब भी मिला है जो इस इलाके को बदनाम करने की कोशिश करते है। उन्होंने खलीलुर्रहमान आजमी से अपने संबंधों पर बात करते हुए उनकी एक नज्म भी सुनाई।
आईडीया कम्यूनिकेशनज के डायरेक्टर आसिफ आजमी ने पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खलीलुर्रहमान आजमी पर आजमगढ़ को फख्र है। उन्होंने अपनी शायरी के जरिए जिले का नाम दुनिया में रोशन किया। उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। यह पुस्तक उनकी यादों को संजाये रखने और नई नस्ल को अपनी धरोहर से रूबरू कराने की एक कोशिश है। जब तक साहित्य जिंदा है तब तक खलीलुर्रहमान का नाम जिंदा रहेगा।
मजलिस फख्रे बहरैन (खाड़ी देश) शकील अहमद सबरहदी ने कहा कि यह किताब जिसने लिखी और जिस पर लिखी गयी है उन दोनों का ताल्लुक आजमगढ़ से है। अपनी संस्था के हवाले से कहा कि यह बहरैन ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न भागों में भी सेमिनारों का आयोजन कर उर्दू के विकास के लिए काम कर रही है।
अब्दुल हसीब ने कहा कि खलीलुर्रहमान आजमी उर्दू की आधुनिक शायरी के पायनियर है। उन्हें आजमगढ़ से बेहद मोहब्बत थी। इस किताब के द्वारा खलील साहब के आजमगढ़ से रिश्ते को बहाल करने की उम्दा कोशिश की गयी है।
शिब्ली एकडेमी के डायरेक्टर इश्तियाक अहमद जिल्ली ने कहा कि शिब्ली एकेडमी ने जंगे आजादी मेें अहम रोल अदा किया। गांधी जी से लेकर आजादी के बाद के हुक्मरान यहां आते रहे है। आजमगढ़ इल्मो अदब का शहर है। यहां से बड़े-बड़े विद्वान पैदा हुए है और देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने आयोजकों का शुक्रिया अदा किया कि कार्यक्रम के लिए इस संस्थान का चुनाव किया गया।
प्रसिद्ध हस्तियों को शाल व मोमैंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सवालों जवाब का भी सेशन चला। जिसमें अतिथियों ने सवालों के संजीदा जवाब देकर लोगों की जिज्ञासाओं को शांत किया। अंत में सेल्फी विथ सेलिबे्रटी का सेशन चला। संचालन अनीस आजमी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डा. शवाबुद्दीन ने किया। कार्यक्रम मे मौलाना ताहिर मदनी, विधायक शाह आलम गुडडू जमाली, डा. ग्यास असद खान, शबीना खातून, नियाज अहमद दाउदी, हरर्मेंद्र पांडेय, हरीशचंद्र सिंह, सुहेल अहमद, डा. अलाउद्दीन, डा. शरिक, हया नोमानी, शौकत अली, अख्लाक अहमद खान, सैयद फरहान अहमद आदि लोग मौजूद रहे।

 

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