आयोगों के गठन में देरी सरकार की विफलता का नमूना-अजय कुमार ‘लल्लू’
लखनऊ, 20 जनवरी। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता ने अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि एक तरफ प्रदेश सरकार नौजवानों को अपने वादे के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने में असफल रही है तो दूसरी ओर प्रदेश के विभिन्न आयोगों के सदस्यों और अध्यक्ष के खाली पडे़ पदों पर नियुक्ति का निर्णय ले पाने में असफल है। यह सरकारी विफलता का एक बड़ा नमूना है।
उन्होनें कहा कि अधीनस्थ चयन सेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में सदस्यों और अध्यक्ष पद अभी भी खाली हैं जिनके भरोसे प्रदेश लाखों की संख्या में नियुक्तियां की जानी है। विधानसभा सत्र के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया गया था और विधानसभा मे सरकार की ओर से जल्द नियुक्ति का आश्वासन भी दिया गया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और उच्च शिक्षा आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिये सरकार निर्णय नहीं ले पा रही है। उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगारों की नजर सरकार की ओर टिकी है जिससे कि वे अपनी मेहनत और बुद्विमता के बल पर रोजगार प्राप्त कर सके तथा प्रदेश की सेवा कर सकें, किंतु सरकार उत्सवों में व्यस्त है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने लोक संकल्प पत्र में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया, किंतु इन आयोगों के गठन में देरी ने साबित कर दिया है कि सरकार प्रदेश के युवाओं के प्रति संवेंदंशील नहीं हैं।
उन्होनें कहा कि आश्चर्यजनक है कि सूचना के अधिकार और बाल अधिकार से जुड़े दो आयोग राज्य सूचना आयोग और राज्य बाल आयोग में खाली पदों पर नियुक्तियां करने में सरकारी लेट लतीफी क्यों हैं ? उन्होनें सरकार से मांग किया है कि जल्द से जल्द आयोगों का गठन कर तमाम विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करे, अन्यथा सरकार को आंदोलन का सामना करना पडेगा।