महराजगंज। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान और चीनी मिल चलाने की मांग को लेकर पांच दिन तक किसानों और कर्मचारियों द्वारा चलाए गए आन्दोलन के आगे प्रशासन और जेएचवी चीनी मिल प्रबंधन को झुकना पड़ा। आंदोलन के पांचवे दिन 19 दिसम्बर को प्रशासन और चीनी मिल प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि 27 दिसम्बर से चीनी मिल चलायी जाएगी और वर्तमान सत्र का भुगतान तत्काल किया जाएगा। पिछले दो सत्रों के बकाए का भी भुगतान चीनी मिल के बिजली उत्पादन संयत्र की आय से करने का आश्वासन दिया गया है।
जेएचवी चीनी मिल पर गन्ना किसानों का दो सत्रों का 46 करोड़ बकाया है। इसके अलावा कर्मचारियों का भी 16 करोड़ बकाया है। बकाए के कारण चीनी मिल को इस सत्र के लिए सिर्फ 59 लाख 26 हजार क्विंटल गन्ना आवंटित किया गया है। इस परिक्षेत्र का शेष गन्ना सिसवा चीनी मिल को आवंटित कर दिया गया है। जेएचवी चीनी मिल गन्ना विभाग से 76 लाख क्विंटल गन्ना आवंटित करने की मांग कर रहा था।
इस विवाद में चीनी मिल ने पेराई शुरू नहीं किया जिसके कारण क्षेत्र के किसानों का गन्ना खेत में सूखने लगा। इससे आक्रोशित किसानों ने 15 दिसम्बर से चीनी मिल गेट पर धरना-प्रदर्शन-सभा शुरू कर दी। किसानों का साथ चीनी मिल कर्मचारी यूनियन ने भी दिया और वह भी आंदोलन में सहभागी हो गया। चीनी मिल कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष नवल किशोर मिश्र व सिसवा केन यूनियन चेयरमैन राजेश्वर तिवारी के नेतृत्व में आंदोलन तेज होता गया।
आंदोलन के तीसरे दिन मिल प्रशासन ने चीनी मिल को चलाने का आश्वासन दिया और कहा कि क्रय केंद्रों पर कांटे लगाने का काम शुरू किया जा रहा है लेकिन किसानों और कर्मचारियों ने चीनी मिल को चलाने और बकाए गन्ना मूल्य के भुगतान की मांग को लेकर स्पष्ट घोषणा करने की मांग की।
किसानों और कर्मचारियों ने आंदोलन को तेज करने के क्रम में 19 दिसम्बर को मार्च करने की घोषणा कर दी। किसानों की मार्च घोषणा से चीनी मिल प्रबंधन के साथ-साथ महराजगंज जिला प्रशासन भी दबाव में आ गया। दोपहर में चीनी मिल के जीएम नवबीर सिंह और मुख्य महाप्रबंधक राकेश शर्मा के अलावा एसडीएम देवेन्द्र कुमार किसानों से बातचीत करने पहुंचे।
बातचीत में प्रशासन और चीनी मिल प्रबंधन ने 27 दिसम्बर से चीनी मिल चलाने की घोषणा की और कहा कि 20 हजार क्विंटल गन्ने का इंडेंट जारी कर दिया गया है। चीनी मिल के 33 सेंटरों पर कांटा लगाया जा रहा है। चीनी मिल प्रबंधन ने कहा कि इस सत्र का गन्ना मूल्य का भुगतान तत्काल किया जाएगा और पुराने बकाये का भी भुगतान शीघ्र किया जाएगा क्योंकि चीनी मिल का बिजली उत्पादन संयत्र शुरू हो रहा है। उसकी आय से पुराना गन्ना मूल्य का भुगतान करने में आसानी होगी।
प्रबंधन ने यह भी कहा कि चारो टंकी से शीरा निकालने का कार्य पूरा हो चुका है। इसके साथ ही 76 लाख क्विंटल गन्ना आवंटित करने के मुद्दे पर चीनी मिल प्रयासरत है। इस आश्वासन के बाद किसानों और कर्मचारियों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।
धरना-प्रदर्शन और सभा में ठूठीबारी के पूर्व ग्राम प्रधान राजेश सिंहए आदित्य त्रिपाठी, भाकपा माले के जिला सचिव हरीशचन्द्र जायसवाल, अम्बरीष मिश्र, राधेश्याम पांडेय, मोहन, गजानंद, राजकुमार, रुद्र देव दूबे, धर्मेन्द्र पटेल, मणिद्र प्रताप राय, शिवशंकर पटेल दीपू पांडेय, सुरेश, गोविंद, वीरेन्द्र, रसीद, कन्हैया, संगीता देवी आदि ने शिरकत की। इन नेताओं ने कहा कि चीनी मिल मालिक के साथ जिला प्रशासन व गन्ना समिति की मिलीभगत है। यही कारण है कि डोंगे का पूजन करने के बाद भी चीनी मिल ने पेराई शुरू नहीं की और नही किसानों का पर्ची जारी किया। यदि दिए गए आश्वासन पर अमल नहीं हुआ तो फिर आंदोलन किया जाएगा।