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कांग्रेस ने जहरीली शराब कांड की हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जाँच की मांग की, सदन से वाक आउट किया

लखनऊ. कांग्रेस ने जहरीली शराब कांड की हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से जाँच कराने, मृतक आश्रितों को 50-50 लाख मुआवजा और हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है. साथ ही मुख्यमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा माँगा है.
कांग्रेस विधायकों ने आज विधानसभा में जहरीली शराब कांड को विधानसभा में नियम 311 के तहत सदन की कार्यवाही रोक कर चर्चा की मांग की. अध्यक्ष द्वारा चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस विधायकों -नरेश सैनी, मसूद अख्तर, आराधना मिश्र, अदिति सिंह, सोहित अख्तर अंसारी ने कांगेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू के साथ वाक आउट किया.
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जहरीली शराब से हुई मौतों को सरकार कम बता रही है. जहरीली शराब से सहारनपुर में 68,  कुशीनगर में 14 और मेरठ में 18 मौतें हुई है.  यह संख्या और बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आजमगढ़ और बाराबंकी में भी इस तरह की घटना हुई थी जिसको लेकर सरकार को चेताया गया था. इस वर्ष भी मुख्यमंत्री को पत्र सौंपकर कुशीनगर जिले में शराब के अवैध व्यापार रोकने और कच्ची शराब की दुकान बंद कराने का आग्रह किया था लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. कार्रवाई की गई होती तो गरीब मजदूर, किसानों की जान नहीं जाती. इस घटना के लिए सरकार सीधे तौर पर दोषी है.
उन्होंने कहा कि शराब के अवैध कारोबार को सरकार तथा सरकारी तंत्र को संरक्षण प्राप्त है. अविध वसूली कर भाजपा अपने चुनावी खर्च को इसे पूरा करना चाहती है. अधिक वसूली और राजस्व प्राप्त की सरकारी लालच ने लोगों को मौत के मुंह में जाने का रास्ता बना दिया. शराबबंदी को लेकर महिला आंदोलनकारियों पर कई जगह मुकदमा दर्ज किया जाता है. यह सरकार का चरित्र है. उन्होंने मांग की कि ज़हरीली शराब से मरे मृतकों के आश्रितों को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा, परिवार में एक आश्रित को नौकरी, दोषी जिला कलेक्टर व पुलिस कप्तान का निलंबन, स्थानीय थाने के दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज कराया जाए और इस घटना की उच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई जांच कराई जाए जिससे घटना को लेकर की गई लापरवाही उजागर हो तथा भविष्य में इस तरह की घटना की ना हो.

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