हमको माज़ूर न समझा जाए… उड़ने के लिए पूरा हिन्दुस्तान है

गोरखपुर। गुरुवार को सेवा फाउंडेशन एवं मसीहा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से ‘दिव्यांगता – चुनौतियों से कामयाबी का सफ़र’ मौजू पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा सीआरसी सीतापुर आई हॉस्पिटल सभागार में हुआ। जिसे नाम दिया गया “एक शाम : गंगा जमुनी तहजीब के नाम”।

अध्यक्षता करते हुए शहर के मशहूर शायर डॉ. कलीम कैसर ने कार्यक्रम के बारे में कहा कि नागफनी के जंगल में आपने गुलाब खिलाने का काम किया है। जब लोग एक दूसरे से नफरत कर रहे हों ऐसे में हिंदी और उर्दू भाषाओं के लोग मिलकर मोहब्बत की बात कर रहे हैं।

संचालन करते हुए युवा शायर मिन्नत गोरखपुरी ने पढ़ा –

सारे रिश्तों का तमाशा देखते,
आंखें होती तो ये दुनिया देखते, ठीक है आंखें नहीं हैं मेरे पास, वरना बस अपना प्रायः देखते,

डॉ आर के राय ‘अभिज्ञ’ ने पढ़ा –

किसी के काम आ जाऊं यही ईमान रखता हूं,
बिखरूं फिर सिमट जाऊं यही उनवान रखता हूं, सदा ही साथ चलने की कसम खाई जो हमने है, तेरी किस्मत बदल जाऊं यही अरमान रखता हूं,

सौम्या यादव ने पढ़ा

– ए परिंदे तेरे हौसले की क्या दाद दूँ, उड़ ले तेरा पूरा आसमान है, मगर सुन ले मुझमें पर नहीं हौसले हैं, उड़नें के लिए पूरा हिन्दुस्तान है,

 

लाइबा नूर ने पढ़ा –

हौसलों में उड़ान रखते हैं,
हम भी इक आसमान रखते हैं,
हमको माज़ूर न समझा जाए,
हम भी अपना जहान रखते हैं,

वेद प्रकाश पाठक ने पढ़ा –

कभी इनके मनोबल को बढ़ा करके देखिए। फौलाद इरादों को जगा करके देखिए।
है तन पे भारी मन इन्हें कहते हैं दिव्यांग।
ये मन के सिकंदर हैं, लड़ा करके देखिए।

कुँवर विनम्र ने पढ़ा –
मेरे ग़म को अपना बनाओ तो कोई बात बने, दो कदम तुम भी साथ निभाओ तो कोई बात बने, हंसना तो दुनिया की रीत है, वो तो हंसेगी तुम पर,
मगर तुम रो कर भी मुस्कुराओ तो कोई बात बने।

प्रतिभा गुप्ता ने पढ़ा –

तेरी चाहत में मैं भी संवर जाऊंगी, टूटकर वरना मैं तो बिखर जाऊंगी, ये ज़माना मुझे लाख रोके मगर,
तुम रहोगे जिधर मैं उधर जाऊंगी।

नुसरत अतीक, मुजीब सिद्दीकी, नसीरुद्दीन नासिर, गौरी तिवारी, अनन्या सिंह ने भी अपनी रचनाएं सुनायीं। सभी को दाद व तालियां मिलीं। मेहमानों द्वारा कवियों व शायरों को प्रशस्ति पत्र व शील्ड देकर सम्मानित भी किया गया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नंद कुमार व विशिष्ट अतिथि के तौर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एन.के.पांडे मौजूद रहे और आयोजकों का हौसला बढ़ाते रहे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मुस्तफा खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस दौरान अमरनाथ जायसवाल, डॉ. सत्या पांडे, डॉ. रहमत अली, पूजा जायसवाल, आशीष रुंगटा, विजय कुमार श्रीवास्तव, गुलाम खैरुल बशर, सुधीर कुमार झा, अरशद अहमद, सरदार जसपाल सिंह, प्रवीण श्रीवास्तव, राज शेखर आदि मौजूद रहे।