लॉकडाउन : रमज़ान में मुश्किल से मिलेंगे ईरान व दुबई के खजूर

गोरखपुर। खजूर से रोजा खोलना पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की सुन्नत है। हर रोजेदार की ख्वाहिश होती है कि वह खजूर से रोजा खोले। अबकी बार लॉकडाउन की वजह से रमज़ान में खजूर की भारी किल्लत रहनी की संभावना है। पिछले काफी दिनों से बाहर से खजूरों का आना बंद है।

फिलहाल जिसके पास जो माल है उसकी कीमत बढ़ा कर बेच रहा है। रमज़ान में खपत के एतबार से करीब 40 प्रतिशत खजूर ही बाजार में है। इस बार ईरान , दुबई व अन्य खाड़ी देशों की खजूरें बहुत मुश्किल से मिल पायेंगी। अभी रमज़ान शुरु नहीं हुआ है। दुकानों पर खजूर नज़र भी आ रही है लेकिल रमज़ान शुरु होते ही खजूर देखने को भी मुश्किल से मिलेगी। इस बार लोकल खजूर से काम चलाना पड़ेगा वह भी ज्यादा दाम देकर।

रमज़ान के दौरान खजूर खूब इस्तेमाल किया जाता  है। खजूर का फायदा मालूम होने के बाद खजूर की डिमांड दिन ब दिन बढ़ने लगी तो व्यापारियों ने भी बाहर से उम्दा क्वालिटी की खजूर मंगवानी शुरू कर दीं। मौजूद वक्त की बात करें तो शहर में लोकल खजूरों के अलावा यूएई, ईरान, दुबई के साथ और भी कई देशों की खजूर मौजूद हैं। हर साल रमज़ान में सबसे ज्यादा डिमांड खजूर की ही रहती है, यही वजह है कि थोक मार्केट में भी विदेशी खजूर की मांग रहती है।

रहमतनगर में खजूर के फुटकार विक्रेता अली गजनफर शाह ने बताया कि इस वक्त क्राउन डेट खजूर 300 रुपये, कीमिया डेट 700 रुपये व लोकल खजूर 160 से 200 रुपये में बिक रही है। रमज़ान की जरुरत का सिर्फ 40 प्रतिशत ही खजूर बाजार में है। आदर्श स्टोर्स लालडिग्गी के आसिफ अली ने बताया कि खजूर व चिप्स की किल्लत है। जिनके पास खजूर है उन्होंने दाम बढ़ा दिया है। बाहर से माल आना मुश्किल लग रहा है। अबकी बार रोजेदार खजूर के लिए तरस जायेंगे। विदेशी खजूर की जगह लोकल खजूर से ही काम चलाना पड़ेगा। सबसे ज्यादा मांग यूएई के डेट क्राउन, ईरान की कीमिया डेट खजूर की रहती है।

-रमज़ान में बिक जाती है 50 कुंतल खजूर

 खजूर की सबसे ज्यादा खपत रमज़ान में होती है। रमज़ान के पहले और आखिरी अशरे में खजूर की जबरदस्त मांग रहती है। रमज़ान के पहले हफ्ते में करीब 30-35 कुंतल खजूर बिक जाती है। दूसरे अशरे में यह रफ़्तार थोड़ी हल्की हो जाती है। इसके बाद तीसरे अशरे में भी थोड़ा डिमांड रहती है और करीब 15 से 20 कुंतल खजूर लोग खरीदते हैं।

-खजूर की वेराइटी व दुकान
शहर के बाजार में यूएई की डेट क्राउन, अजवा, सुकारी, सफावी, ईरान की कीमिया, मरहबा, दुबई की सफीर आसानी से मिल जाती है। सबसे महंगी खजूर अजवा होती है। ईरान, यूएई, दुबई के साथ लोकल खजूर भी मिलती है। अमूमन रोजेदार 100, 200, 400 व 600 रुपये प्रति किलोग्राम वाली खजूरों से रोजा खोलते हैं। इसके अलावा खुबानी, शुमरी, तैबा, शबानी, समरइ, मगरूम, हयात अलमदीना, रॉयल, गल्फ फैल्कॉन, बूमान आदि खजूर भी बिकती है। रमज़ान में खजूर की छोटी-छोटी दुकानें मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में सजती थीं। इस बार सजेंगी कहना मुश्किल है। महेवा मंडी पर थोक भाव से खजूर बिकती है। वहीं नखास चौक, उर्दू बाजार, जाफ़रा बाजार, गोरखनाथ आदि जगहों पर फूटकर रेट में खजूर बिकती हैं।