कुशीनगर सांसद के लॉकडाउन उल्लंघन मामले पर पुलिस की क्लीनचिट पर नूतन ठाकुर ने उठाए सवाल

गोरखपुर/कुशीनगर । लाॅकडाउन के उल्लंघन के आरोपों से घिरे कुशीनगर के भाजपा सांसद विजय कुमार दूबे को पुलिस द्वारा क्लीन चिट दिए जाने पर एक्टिविस्ट नूतन ठाुकर ने सवाल उठाया है. उन्होंने पुलिस की जांच आंख्या पर 12 विन्दुओं पर आपत्ति दर्ज करायी हैं.

कुशीनगर के भाजपा सांसद विजय कुमार दूबे 14 अप्रैल को रामकोला कस्बे में अंबेडकर जयंती समारोह में शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम की सोशल मीडिया में आई तस्वीरों में भाजपा सांसद तमाम लोगों से घिरे नजर आ रहे हैं. उन पर लाॅकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लग रहा है.

इस सम्बन्ध में लखनऊ निवासी एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने शिकायत की थी कि श्री दूबे ने 15-20 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 30-40 व्यक्तियों के साथ जा कर आंबेडकर जयंती मनाया, केक काटा और सार्वजनिक रूप से फोटोग्राफी करवायी. यह कार्य लॉक डाउन कानून का खुला उल्लंघन है. उन्होंने सांसद के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी.

नूतन ठाकुर ने 19 अप्रैल को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि उनकी शिकायत पर रामकोला पुलिस द्वाारा मामले की जांच की गई. रामकोला पुलिस की जांच आख्या दिनांक 17 अप्रैल 2020 में कहा गया है कि श्री दूबे द्वारा डॉ आंबेडकर की प्रतिमा पर सामाजिक दूरी बनाते हुए माल्यार्पण किया गया तथा कोरोना कन्ट्रोल रूम नगर पंचायत कस्बा रामकोला में नोवेल कोरोना वायरस कोविड 19 के सम्बन्ध में बचाव हेतु सोशल डिस्टेंसिंग के सम्बन्ध में सम्बोधन किया गया. पुलिस के अनुसार श्री दूबे द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग व लाकडाउन का पूर्णतः पालन किया गया है.

नूतन ठाकुर ने इस जांच आख्या पर 12 बिन्दुओं पर अपनी आपत्ति भेजी है, जिसमे उन्होंने कहा है कि कार्यक्रम से संबंधित विडियो से स्पष्ट है कि मौके पर सामाजिक दूरी के कानून का भरपूर उल्लंघन हुआ और यह सब श्री दूबे की मर्जी तथा जानकारी में उनके सहयोग से हुआ. उन्होंने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि श्री दूबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए.

उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि पुलिस की रिपोर्ट एकतरफा एवं भ्रामक है. लॉकडाउन अवधि में यूपी सरकार ने हजारों लोगों पर इसी प्रकार के अपराध में एफआईआर दर्ज किये. फिर सांसद द्वारा कानून का उल्लंघन करने पर उनका बचाव क्यो ? मैंने उन 12 बिंदुओं को बताया है जिनके कारण कुशीनगर पुलिस की रिपोर्ट पूरी तरह गलत है. न्याय का तकाजा यह कहता है कि यदि अकेले चल रहे किसी व्यक्ति पर लॉकडाउन उल्लंघन का एफआईआर हो सकता है तो कई दर्जन लोगों के साथ जानबूझ कर खुलेआम इस कानून का उल्लंघन करने पर कुशीनगर सांसद पर निश्चित कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए. ’