छितौनी (कुशीनगर). कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (वीटीआर) में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. जंगल की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों व वन कर्मियों को तैनाती की जगह से बाहर के गांव या अपने आवास पर जाने पर रोक लगा दी गई है. वनकर्मियों को उनके तैनाती के स्थान पर राशन-पानी व जरूरत की चीजें चीजें उपलब्ध करायी जा रही हैं.
वीटीआर के निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि वन जीव विशेषज्ञों के अनुसार कोविड-19 का संक्रमण बंदर में फैलने की आशंका होती है जबकि बिहार के वीटीआर के जंगलों में बड़ी संख्या में बंदर मौजूद हैं. जंगल के सटे गांव से मवेशियों को जंगल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है. वीटीआर में सभी एंटी पैचिंग कैंप ,नाका पर तैनात बंद कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया कर दिया गया है. टाइगर ट्रैकर अपने- अपने क्षेत्र में टाइगर फैमिली पर नजर रखे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि इंसानों के बाद अब जानवरों में भी कोरोना महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. इसको लेकर केंद्र सरकार के आदेश पर सभी चिड़िया घरों में आदेश जारी कर दिया गया है। अमेरिका में एक बाघिन में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने सभी चिड़िया घरों तथा पक्षी विहार को विशेष सावधानी बरतने के आदेश जारी किया है.
आदेश में कहा गया ही कि जानवरों का कोविड-19 जांच कराया जाय और 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाए. यदि उनमें लक्षण दिखते हैं तो उनको तत्काल एकांतवास का इंतजाम किया जाए.
आदेश में यह भी कहा गया है कि जानवरों की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने बताया कि आई वी आर आई स्थित सेंटर फार एनिमल डिजीज रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक बरेली नेशनल रिसर्च सेंटर ,हिसार नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सिक्योरिटी डीडीज भोपाल मे तीन प्रयोगशाला हैं जहां इसकी जांच होती है.