कांग्रेस ने राजस्थान से यूपी बार्डर पर बसें भेजीं, अनुमति का इंतजार

लखनऊ. कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक छोड़ने के लिए 500 बसें राजस्थान के भरतपुर और अलवर से यूपी बार्डर पर भेजी हैं. ये बसे यूपी के बहज गोबर्धन बॉर्डर पर पहुंच गयी हैं. कुछ बसों में  यूपी आने वाले प्रवासी मजदूर भी हैं. कंग्रेस इन बसों को यूपी में आने देने की मांग कर रही है.

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने आज मुख्यमंत्री से फिर अपील की कि वे प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए इन बसों को चलने की अनुमति दे दें. एक वीडियो अपील में प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘ ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए। ‘

इसके पहले शनिवार को प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मजदूरों के लिए बसें चलाने की अनुमति मांगी थी. श्रीमती गाँधी के निर्देश में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचकर महासचिव का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को दिया था। प्रतिनिधि मंडल में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आरके चौधरी और श्याम किशोर शुक्ला शामिल थे।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यूपी प्रभारी महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने लिखा है कि लाखों की संख्या में उत्तर प्रदेश के मजदूर देश के कोने-कोने से पलायन कर वापस लौट रहे हैं। लगातार सरकार द्वारा की गई घोषणाओं के बावजूद पैदल आ रहे इन मजदूरों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।

उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रदेश में अब तक क़रीब 65 मजदूरों की अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है जोकि सूबे में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या से भी अधिक है।

श्रीमती प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में लिखा है कि पलायन करते हुए, बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने हुए 500 बसें गाज़ीपुर बार्डर गाज़ियाबाद और 500 बसें नोएडा बार्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस  वहन करेगी।