नौजवान भारत सभा व दिशा छात्र संगठन ने शहीद करतार सिंह सराभा का जन्म दिवस मनाया

गोरखपुर. नौजवान भारत सभा व दिशा छात्र संगठन ने आज शहीद करतार सिंह सराभा के 124 वें जन्म दिवस पर जाफरा बाजार में विचार गोष्ठी व क्रांतिकारी गीत के गायन का कार्यक्रम आयोजित किया.

इस मौके पर दिशा छात्र संगठन के राजू ने कहा कि मात्र 19 साल की उम्र में शहीद होने वाले गदर पार्टी के नायक करतार सिंह सराभा का जन्म 24 मई 1896 को पजांब के लुधियाना जिले के सराभा गाँव में हुआ था।शहीद करतार सिंह सराभा गदर पार्टी के बहुत बड़े क्रांतिकारी थे। वे हिंदुस्तान में अंग्रेजो के खिलाफ बड़े विद्रोह की तैयारी कर रहे थे लेकिन उसे सफल नहीं बना सके और गिरफ्तार कर लिए गए। मात्र 19 वर्ष की उम्र में 16 नवंबर 1915 को फांसी पर चढ़ा दिए गए।

करतार सिंह सराभा की शहादत के बाद उनको आदर्श मानकर सैकड़ों नौजवानों ने कुर्बानी दी ।शहीद करतार सिंह सराभा और गदर पार्टी के क्रान्तिकारियों की विरासत धर्मनिरपेक्षता और अन्तरराष्ट्रीयतावाद की विरासत है। आज भी करतार सिंह सराभा की विरासत को घर-घर पहुंचाना बहुत ज़रूरी कार्यभार है जिससे समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ विद्रोह खड़ा किया जा सके। लेकिन ज्यादातर लोग उनकी वीरता व कुर्बानी से अपरिचित हैं।

शहीद-ए-आजम भगतसिंह करतार सिंह सराभा को अपना आदर्श मानते थे। नौजवान भारत सभा के विकास ने कहा कि आज भी छात्रों कर्मचारियों व मजदूरों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। जब हक- अधिकार पाने के लिए लोग सड़कों पर उतर रहे हैं तो दमन का पाटा चलाया जा रहा है। मेहनतकशों के हक़ों-अधिकारों पर हमला करते हुए श्रम क़ानूनों में बदलाव किये जा रहे हैं। जनता के पक्ष में आवाज़ उठाने वाले राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को काले क़ानूनों के जरिये जेलों में ठूँसा जा रहा है। आज़ादी के सात दशक चीख-चीखकर कह रहे हैं कि करतार सिंह सराभा जैसे क्रान्तिकारियों का सपना अभी अधूरा है।

करतार सिंह सराभा के जन्मदिवस पर हम उनके आदर्शों और विचारों से प्रेरणा लेकर उनके सपनों के समाज के निर्माण के संकल्प को दुहराते हैं और देश की इंसाफ पसन्द एवं जिन्दादिल नौजवानों का आह्वान करते हैं कि इस लूट पर टिके ढाँचे को उखाड़कर एक समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कंधे से कंधा मिलाएँ। कार्यक्रम में रूबी, प्रतिभा, विकास, राजू, अंजली आदि शामिल हुए।