वर्ल्ड नर्स-डे पर विशेष : कोरोना से जंग में मिसाल बन रहीं कमलेश

 देवरिया. जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में तैनात सहायक नर्सिंग अधीक्षिका ( मैटर्न) कमलेश सिंह इन दिनों अपने कार्यों को लेकर चर्चा में हैं। वह हर रोज कोरोना वायरस से दो-दो हाथ कर रही हैं।
डेढ़ माह से वार्ड में कोरोना के संभावित मरीजों के आने पर उन्हें जागरूक करने और आवश्यक जानकारी देने का कार्य वह हर रोज कर रही हैं। अपनी निष्ठा और करूणा की भावना से सेवा देने की बदौलत विभाग में नजीर बन गईं हैं। इनकी उत्कृष्ट सेवा को देखते हुए जिलाधिकारी ने भी पुरस्कृत किया है.
मरीजों का इलाज डॉक्टर द्वारा किया जाता है लेकिन मरीजों  की देखभाल  में नर्सों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। डाक्टरों द्वारा मरीजों का इलाज करने में नर्स अपना योगदान तो देतीं  ही हैं। इसके बाद मरीजों को समय से  इंजेक्शन लगाना, दवा खिलाने, मरीज की देखभाल करने में अपनी महती भूमिका निभातीं हैं।
मैटर्न कमलेश कोरोना के जंग में तो वह सबसे आगे रह कर महिला योद्धाओं में उत्साह भरने का काम रही हैं। मरीजों को समझाने और होम कोरेंटाइन करने आदि की सलाह को लोग मंत्र की तरह लेकर घर लौट रहे हैं। उनका कहना है कि वैसे तो वह सदैव पूरी निष्ठा से कार्य करती हैं लेकिन कोरोना वायरस से मची आपाधापी के बीच यह संकल्प लिया है कि संकट की इस घड़ी में देश के साथ खड़ी रहेंगी।
उन्होंने बताया कि हर रोज आइसोलेशन वार्ड में 25 -30 संभावित कोरोना के मरीज आते हैं। मरीजों का फार्म भरवाना, सैम्पलिंग कराकर उन्हें कोरेन्टाइन सेंटर भेजना होता है। मैटर्न ने बताया केजीएमसी लखनऊ से नर्सिंग की शिक्षा ग्रहण करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग बतौर स्टाफ नर्स केजीएमसी लखनऊ में हुई। उसके बाद बांसगांव सीएचसी पर भी सेवा दिया दिया।
वर्ष  2008 को देवरिया  जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स पर कार्यभार संभाला।  इसके बाद फरवरी 2020 को सहायक नर्सिंग अधीक्षिका (मैटर्न) के पद पर प्रोन्नति मिली है। इनके कार्य की सराहना भी खूब होती है। अपने कर्तव्य निष्ठा के जरिए जहां विभाग के लिए नजीर बनी है, वहीं अपने मधुर व्यवहार से मरीजों का दुख दर्द भी बांट रही हैं।
मैटर्न कमलेश सिंह  के बारे में नोडल  अधिकारी व एसीएमओ डॉ डीवी शाही बताते हैं कि चाहे केएमसी( कंगारू मदर केयर यूनिट) हो या एस्अएनसीयू, चाहे जनरल वार्ड हर स्थान पर बेहतर तरीके से काम संचालित कराती हैं। गंभीर इमरजेन्सी हो या लेबर रूम में कोई जटिलता तो अपनों की परवाह छोड़ कर जी जान से जुट जाती हैं।