वर्ल्ड नर्स डे : मंडल में सबसे अधिक लाभार्थियों को गर्भनिरोधक साधन की सुविधा दिलवा चुकी हैं रूपम

गोरखपुर. प्रसव के चंद घंटों के भीतर परिवार नियोजन के अस्थायी साधन अपनाने के लिए लाभार्थी व उसके परिजनों को प्रेरित करने के हुनर से स्टॉफ नर्स रुपम समीदा ने एक अलग पहचान बना ली है। जंगल कौड़िया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात रुपम की इस हुनर के बदौलत गोरखपुर जनपद का भी मान बढ़ा है। मंडल में सबसे अधिक पीपीआईयूसीडी की सुविधा से लाभार्थियों को जोड़ने का चुनौतीपूर्ण कार्य करने के लिए रुपम को पिछले दिनों मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी द्वारा सम्मानित भी किया गया।

वर्ष 2010 में रुपम ने जननी सुरक्षा योजना के तहत स्टॉफ नर्स (संविदा) के तौर पर स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं देनी शुरू कीं। गीतावाटिका (शाहपुर) की निवासी स्व. संजय की पत्नी रुपम समिदा घर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्वास्थ्य केंद्र पर समर्पित भाव से नियमित सेवाएं देती रही हैं। पीएचसी पर होने वाले संस्थागत प्रसव में योगदान के अलावा रुपम का फोकस लाभार्थी को दो बच्चों में गैप के लिए अस्थायी सेवा पीपीआईयूसीडी से जोड़ने पर रहता है।

रुपम का कहना है कि प्रसव के तुरंत बाद इस सेवा से जोड़ने के लिए सबसे अधिक चुनौती लाभार्थी के परिवार वालों को समझाने का होता है। वह एक घटना का संस्मरण सुनाते हुए बताती हैं कि एक बार परिवारीजन का दबाव और लाभार्थी की तरफ से इनकार बड़ी चुनौती के तौर पर सामने आई। रुपम ने लाभार्थी और पूरे परिवार को समझाया कि यह एक अस्थायी व्यवस्था है। वह जब भी बच्चा चाहेंगे, इसे निकलवा सकते हैं। साथ ही यह भी समझाया कि जच्चा-बच्चा दोनों की सेहत और विकास के लिए दो बच्चों में कम से कम 3 साल का गैप होना ही चाहिए। सही और सटीक जानकारी के बाद लाभार्थी पीपीआईयूसीडी के लिए तैयार हो गई।

वर्ष 2018-19 में 357 पीपीआईयूसीडी की सेवा देकर रुपम ने गोरखपुर मंडल में पहला स्थान हासिल किया। इसके लिए एडी हेल्थ डॉ. जेएम त्रिपाठी भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। रुपम का कहना है कि यह सब सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी, एसीएमओ आरसीएच डॉ. नंद कुमार, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष चौरसिया और खासतौर से उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के प्रतिनिधि के सहयोग, मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन के कारण संभव हो पाया है। रुपम पीपीआईयूसीडी के अलावा त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा के लिए भी लाभार्थियों को प्रेरित कर रही हैं।

मुख्य चिकित्साधिकारी  डॉ. श्रीकांत तिवारी कहते हैं कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में गोरखपुर जनपद को प्रत्येक वर्ष प्रदेश स्तर पर पुरस्कार मिल रहे हैं। यह सब टीम भावना से ही संभव है। रुपम जैसी तमाम नर्सेज इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में योगदान दे रही हैं। वर्ल्ड नर्स डे पर सभी नर्सेज को बधाई। खासतौर पर उन नर्सेज को जिन्होंने कोरोना वारियर के तौर पर इस मुश्किल हालात में सहयोग किया है।