गंडक बराज के एफ्लक्स बांध पर कटाव रोधी कार्य कराने पर सहमति नहीं बन पायी

कुशीनगर। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज के 36 नंबर फाटक नेपाली क्षेत्र में गुरुवार को नेपाली क्षेत्र के अधिकारियों व वाल्मीकिनगर सिंचाई विभाग के अभियंताओं की बैठक हुई. लगभग एक घंटे चली इस बैठक में भी गंडक बराज के दाये तटबंध एफ्लक्स बांध पर कटावरोधी कार्य किये जाने पर सहमति नहीं बन पायी।

लॉकडाउन के पूर्व गंडक बराज के दाये तटबंध एफ्लक्स बांध पर कटावरोधी कार्य शुरू हुआ था जो लॉकडाउन में बार्डर सील होने के कारण बंद हो गया।

बरसात के महीने में गंडक बराज के रास्ते आने वाले पानी की तेज प्रभाव को देखते हुए कटावरोधी कार्य को शुरू करने के लिए वाल्मीकिनगर सिंचाई विभाग द्वारा नेपाली प्रशासन से कई बार पत्राचार भी किया गया तथा कई बार बैठकों का दौर भी चला किंतु नेपाली क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति प्राप्त नहीं हो सकी.

इस बैठक में नेपाली अधिकारियों ने नेपाली क्षेत्र में कार्य शुरू करने की स्थिति में जाने वाले कर्मियों का कोविड-19 का नेगेटिव सर्टिफिकेट की मांग की गयी है. नेपाली अधिकारियों का कहना है कि सर्टिफिकेट होने के बाद ही कर्मियों को जाने की इजाजत दी जा सकेगी.

कार्य शुरू करने के लिए ट्रैक्टर के अलावा मटेरियल ले जाने की जरूरत पड़ेगी. पानी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण तत्काल लगभग 20 हजार जिओ बैग की रेत भरी बोरी को एफलेक्स बांध के किनारे कटाव से बचाने के उद्देश्य बरसात के पहले लगाना अतिआवश्यक है. किंतु नेपाली प्रशासन द्वारा अभी भी सहमति नहीं बन पायी है. ताकि कार्य को शुरू किया जा सके.

वर्ष 2002 में गंडक बराज में आये तेज पानी के बहाव के दबाव में दाया तटबंध एफ्लेक्स बांध टूट गया था. जिससे नेपाली क्षेत्र में भारी तबाही मची थी. इस बार नेपाली प्रशासन द्वारा कार्य शुरू करने की अनुमति नहीं मिल पाने से ग्रामीणों में बाढ़ के समय एफ्लेक्स बांध पर मंडरा रहे खतरे और बाढ़ की तबाही का भय दिखने लगा है.

लॉकडाउन के कारण गंडक बराज के तीन क्षतिग्रस्त फाटकों को भी अब तक नहीं बदला जा सका है.
इस बैठक में संपर्क तथा भू अर्जन कार्यालय के अधिकारी तारा सिंह, नेपाली कस्टम के अधिकारी विकाश कुमार, नेपाल एपीएफ के इंस्पेक्टर तेज बहादुर ठाकुरी, वाल्मीकिनगर सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. जमील अहमद, सहायक अभियंता विकाश कुमार, कनीय अभियंता प्रमोद कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे हैं.