केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिया

कुशीनगर। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा देने का निर्णय लिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। केन्द्रीय कैबिनेट के इस फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे पूर्वांचल के विकास को गति मिलेगी।

कुशीनगर में हवाई अड्डे का निर्माण कई वर्षों से चल रहा है और अब इसका कार्य पूर्ण होने को है। हवाई अड्डे के लिए करीब छह सौ एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गई थी। हवाई अड्डे के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 190 करोेड़ रुपये जारी किया था। एयरपोर्ट को बनाने का काम भारत सरकार के उपक्रम ‘राइट्स’ ने किया। दावा है कि एयरपोर्ट स्थापना का लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है।

पांच मार्च 2019 को प्रदेश सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एक एमओयू हुआ जिसके तहत एयरपोर्ट की समस्त परिसम्पत्तियां प्राधिकरण को हस्तान्तरित करते हुए आगे का विकास कार्य एवं एयरपोर्ट संचालन का काम भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को दे दिया गया। एमओयू के बाद 04 अक्टूबर, 2019 को परियोजना की हस्तान्तरण प्रक्रिया पूरी हो गयी।

कुशीनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिए जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास का मार्ग प्रशस्त हो जाने से उत्तर प्रदेश में सम्भावनाओं के नये द्वार खुलेंगे। जेवर स्थित नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट एनसीआर क्षेत्र सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश को तथा कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र को बेहतर एयर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे के संचालित हो जाने पर थाईलैण्ड, जापान, वियतनाम, म्यांमार, श्रीलंका, ताईवान सहित विश्व के अनेक देशों के बौद्ध धर्म के अनुयायियों व अन्य पर्यटकों को प्रदेश स्थित बौद्ध स्थलो का भ्रमण करने में सुगमता होगी। कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना से न केवल प्रदेश में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि भारी संख्या में रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे.