तीन माह में महराजगंज के सिक न्यू बार्न केयर यूनिट में 546 नवजात भर्ती हुए 

महराजगंज। संयुक्त जिला अस्पताल के सिक न्यू बार्न केयर यूनिट( एसएनसीयू) वार्ड में तीन माह में 546 नवजात भर्ती हुए जो उपचार होकर स्वस्थ होकर घर गए।

यह जानकारी सीएमएस डाॅ. एके राय ने दी। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के तीन माह (अप्रैल,मई एवं जून) में एसएनसीयू वार्ड में भर्ती होने आए बच्चों में से 78 बच्चों की स्थिति नाजुक होने पर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया जबकि 60 बच्चों को उनके परिजन अपने मन से लेकर चले गए। वहीं पर कुल 546 बच्चों को उचित उपचार देकर स्वस्थ किया गया।

डॉ राय ने बताया कि अप्रैल माह में 185, मई में 192 और जून में 169 नवजात एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराए गए थे। इन सभी को उचित देखभाल एवं उपचार देकर स्वस्थ किया गया।
एसएनसीयू वार्ड के प्रभारी डाॅ. विशाल चौधरी ने बताया कि कोरोना काल के अप्रैल माह में भर्ती 238 नवजातों में से 25 की स्थिति गंभीर देख कर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जबकि 12 नवजातों को उनके परिजन लेकर चले गए। वहीं पर मई माह में भी भर्ती 250 नवजातों में से 24 को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया तथा 19 नवजातों को परिजन लेकर चले गए। इसी प्रकार जून माह भर्ती 236 नवजातों में से 29 को बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जबकि 29 को उनके परिजन लेकर चले गए।

कोरोना प्रोटोकॉल का कराया गया पालन

वार्ड के प्रभारी डाॅ. विशाल चौधरी ने बताया कि कोविड-19 को देखते हुए नवजातों के उपचार में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन ठीक से कराया गया। चाहे नवजातों के उपचार में लगे चिकित्सक हो या देखभाल में लगे महिला व पुरुष स्वास्थ्य कर्मी। ढ़ाई किलो से कम वजन वाले नवजातों को बहुत साफ सफाई एवं सावधानी से केएमसी( कंगारू मेदर केयर) दिलाया गया।
यहाँ तक कि वार्ड में भर्ती नवजातों की माँ और अन्य परिवारी जनों को शारीरिक दूरी, माॅस्क लगाने तथा हाथ की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रेरित किया गया।
कोरोना काल में जिन नवजातों के चेहरे पर मुस्कान लौटी है उसमें निचलौल क्षेत्र के बरोहिया ढाला निवासीनी चंदा वर्मा की बेबी, सदर ब्लाक के चेहरी गांव की निवासीनी सरिता की बेबी, परतावल क्षेत्र की निवासीनी सीमा की बेबी तथा घुघली ब्लाक ग्राम सेमरहना बिरैचा की निवासीनी पूजा की बेबी के नाम प्रमुख हैं ।

नवजात की देखरेख में इन बातों का रखें ध्यान 

-नवजात को तेल, पाउडर व काजल न लगाएं।
– नवजात को बार-बार न छुएं।
-नवजात के साफ सफाई पर जोर दिया जाए।
-नवजात को छह माह तक केवल स्तनपान कराएं।
-समय-समय पर आवश्यक टीके लगवाए जाएं।