नगर विधायक ने इंजीनियरिंग कालेज रोड पर जलजमाव का मामला विधानसभा में उठाया, सहायक अभियंता हटाए गए

गोरखपुर । गोरखपुर के सिंघडिया से बसुंधरा कालोनी-प्रज्ञा विहार से इंजीनियरिंग कालेज तक हुये भीषण जलजमाव के लिए लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराते हूये नगर विधायक डा राधा मोहन दास अग्रवाल ने यह विषय शनिवार को विधानसभा में उठाया और दोषी अभियंताओं के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। नगर विधायक ने प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके निवास पर मुलाकात की और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के बारे में बताया। उप-मुख्यमंत्री ने उसी समय लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ को निर्देशित किया कि सहायक अभियंता के के सिंह को तुरंत गोरखपुर से हटाकर लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दें।

नगर विधायक ने कहा कि लोक निर्माण विभाग जब कोई भी काम करता है तो विभागीय नियमों के तहत उसके अधिकारियों को यह अध्ययन करना होता है कि निर्माण कार्य से क्या लाभ होगा और उससे नुकसान क्या होगा। अधिकारियों ने आवागमन के लिए देवरिया रोड को 1-1.5 मीटर ऊंचा तो कर दिया लेकिन यह समझने की कोशिश ही नहीं की कि सड़क के इतना ऊंचा हो जाने से सड़क के उत्तर तरफ की पचासों कालोनियों में रह रहे 10000 हजार नागरिकों के सामने से पानी कैसे निकलेगा, क्योंकि सारी कालोनियों का पानी देवरिया रोड क्रास करके ही उसपार दक्षिण की तरफ जाता था।

डा.  अग्रवाल ने कहा कि वास्तव में वहाँ सड़क इतना ऊंचा करने की जगह एक चौड़ा कल्वर्ट बनाने की जरूरत थी, जिससे बहकर कालोनियों का पानी निकल सकें। लेकिन अभियंताओं ने सड़क भी ऊंची कर दी और कल्वर्ट बनाने की जगह छोटा सा ह्यूम पाईप डाल दिया। फलस्वरूप देवरिया रोड के उत्तर तरफ के 10000 नागरिक डेढ़ से दो मीटर पानी में डूब गये और महीनों तक डूबे हुए हैं।

नगर विधायक ने कहा कि अभियंताओं की इस भयंकर लापरवाही के कारण सरकार की छवि बहुत खराब हुई है और नागरिकों में बहुत आक्रोश पैदा हुआ है तथा राजनीतिक रुप से हम जनप्रतिनिधियों को बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि बेहद नाराज नागरिकों ने आक्रोशित होकर सदर सांसद का घेराव किया और उनके घर के सामने की सड़क तोड़ डाली। सरकारी राजस्व की अलग से नुकसान हुआ है।

उन्होंने विधानसभा में मांग किया है कि अभियंताओं के कारण नागरिकों को बहुत कष्ट तथा जनप्रतिनिधियों को अपमानजनक परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है। उनके ऐसे गैर-जिम्मेदाराना रवईये के लिए उन अभियंताओं की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।