गोरखपुर के युवा ने बनाया आनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म CavenX

गोरखपुर। यूनिवसिर्टी आफ पेटोलियम एंड इनर्जी स्टडीज के बीटेक कम्प्यूटर साइंस (आईटी इन्फ्रास्टक्चर) के छात्र अभीष्ट सिंह ने ई लर्निंग के लिए वर्चुअल स्कूली प्लेटफार्म ‘ कैवन एक्स ’ CavenX डेवलप किया है जहां पर किसी क्लास के सभी बच्चे एक साथ पढाई का आंनद ले सकते हैं जैसे वे अपने स्कूल के क्लास में किया करते थे। यह वर्चुअल प्लेटफार्म को इस तरह बनाया गया है जहां पर छात्र-छात्राएं अपनी सभी शैक्षणिक गतिविधियां उसी तरह कर सकते हैं जैसे स्कूल में करते हैं।

मूल रूप से महराजगंज के फरेन्दा क्षेत्र के रहने वाले अभीष्ट के माता-पिता इस समय गोरखपुर के बरगदवां में रहते हैं। उनके पिता हरिनाथ चौधरी कुशीनगर जिला पंचायत में काम करते हैं।
अभीष्ट ने इसी वर्ष बीटेक कम्प्यूटर साइंस (आईटी इन्फ्रास्टक्चर) की पढाई पूरी कर ली है और उनकी नौकरी भी लग गयी है। उन्हें लार्सन एंड टूबो में साफटवेयर डेवलपर का जाब मिला है। अभीष्ट ने 12वीं तक पढाई जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल से की थी।

अपने इस आनलाइन प्लेटफार्म के बारे में जानकारी देते हुए अभीष्ट ने बताया कि इस प्लेटफार्म के तीन माड्यूल हैं-ई लर्निंग, वर्क स्पेस, कैनवन मीट। वर्क स्पेस को इस तरह डिजाइन किया गया है कि कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता। स्कूल के बच्चे और शिक्षक ही यहां पर कार्य कर पाएंगे। वे एक दूसरे से इंटरैक्ट कर सकते हैं, इवेंट भी आर्गनाइज कर सकते हैं ।
इस वर्चुल स्कली प्लेटफार्म में लाइव क्लास की व्यवस्था है। इसमें एक साथ एक क्लास के बच्चे पढाई कर सकते हैं।

इसकी खास बात है कि यह एक इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड है। एक ही जगह से पढाई व उससे जरूरी गतिविधियों के इंतजाम हैं। एडमिन इस पर अपलोड हो रहे कंटेट को देख सकते हैं।

कैवन एक्स को लैपटाप, मोबाइल के जरिए एक्सेस किया जा सकता है। इसका एप्प डाउनलोड कर या यूआरएल लागिन कर छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर सकते हैं। इस चाहें तो अपने घर के स्मार्ट टीवी से भी कनेक्ट कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस प्लेटफार्म को डेवलप करने की प्रेरणा उन्हें अपने छोटे भाई की आन लाइन क्लास में हो रही दिक्कतों को देखते हुए सूझी। उन्होंने पाया कि स्कूल आउटडेटेड टेक्नोलाजी यूज कर रहे हैं और वे ये मानकर चल रहे हैं कि यह एक अस्थायी दौर है जबकि ई-लर्निग ही आगे का भविष्य है। नई शिक्षा नीति जब लागू होगी तब इस तरह के प्लेटफार्म की जरूरत सभी स्कूल-कालेज को होगी।