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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान शुरू, बच्चों को खिलाई जाएगी पेट के कीड़े मारने की दवा

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान सोमवार से शुरू हो गया। यह अभियान 7 अक्टूबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत जिले के बच्चों को आशा / आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर–घर जाकर पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेण्डाजाल खिलाना शुरू कर दिया।

इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग संयुक्त रूप से लगे हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आरबीएसके व आरकेएसके के नोडल डॉक्टर नंद कुमार ने रविवार को बताया कि कोरोना महामारी के कारण आगंनवाड़ी केंद्र और स्कूल आदि बंद चल रहे हैं। इसलिए इस बार आशा और आगंनवाड़ी कार्यकर्ता की मदद से एक वर्ष से 19 तक बच्चों को एल्बेण्डाजाल की दवा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। किसी भी अभिभावक को यह टेबलेट रखने या बाद में खिलाने के लिए नहीं देनी है। यह दवा आशा / आगंनवाड़ी के सामने ही बच्चों को खिलानी है।

डॉ. नंद कुमार ने बताया कि कोविड – 19 के सक्रमंण के चलते सभी फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं को खास प्रोटोकाल का पालन करने के निर्देश दिये गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर श्रीकांत तिवारी के दिशा-निर्देशों के अनुसार अभियान में लगे सभी स्वास्थ्य कर्मी मास्क के साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुये बच्चों को दवा खिलाएंगे। उन्होने बताया कि ज्यादा छोटे बच्चों को टेबलेट चूरा कर पानी के साथ खिलाया जाएगा। एक से दो साल तक के बच्चे को 200 एमजी यानी आधी गोली और दो से 19 साल तक की आयुवर्ग के लोगों को 400 एमजी यानी एक गोली खानी है। बड़े बच्चों को भी दवा चबा चबाकर ही खानी है।

बीमार बच्चे को न खिलाएं दवा

किसी भी तरह की बीमारी होने पर बच्चे को एल्बेण्डाजाल टेबलेट नहीं खिलानी है। यदि किसी भी तरह उल्टी या मिचली महसूस होती है तो खबराने की जरूरत नहीं। पेट में कीड़े ज्यादा होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द , उल्टी, मिचली, थकान होना, या चक्कर आना महसूस होना एक सामान्य प्रक्रिया है। दवा खाने के थोड़ी देर बाद सब सही हो जाता है। इसके अलावा फिर भी किसी अन्य तरह की बड़ी परेशानी हो तो मुफ्त एंबुलेंस सेवा के टोलफ्री नंबर 108 से मदद ले सकते हैं।