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महराजगंज के भारीवैसी में बनेगा गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र

गोरखपुर। प्रदेश सरकार ने गोरखपुर वन प्रभाग के अन्तर्गत महराजगंज जिले के फरेन्दा क्षेत्र के भारी वैसी गांव में जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है।

पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त सचिव डा. दीपक कोहली ने इस सम्बन्ध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर जानकारी देते हुए केन्द्र की स्थापना के लिए कार्यवाही शुरू करने को कहा है।

प्रदेश सरकार ने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र के लिए 82 लाख रुपये को मंजूरी देते हुए प्रभागीय वन अधिकारी गोरखपुर अविनाश कुमार से जून में ही विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मांगी थी। डीएफओ अविनाश कुमार ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सुनील पाण्डेय को समय से डीपीआर भेज दिया था जिस पर 16 सितंबर को सहमति देते हुए अनुमोदन के लिए संयुक्त सचिव कार्यालय को भेजा गया था जिसे मंजूरी मिल गयी है।

पांच हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित होने वाले इस प्रोजेक्ट पर तकरीबन 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले वर्ष के लिए 82 लाख रुपये पहले ही मंजूर किए जा चुके हैं। भारतीय महाद्वीप पर गिद्धों की 9 प्रजातियां हैं। इनमें 3 प्रजातियां व्हाइट बैक्ड (जिप्स बेंगेंसिस), लॉन्ग-बिल्ड (जिप्स इंडिकस) और सिलेंडर-बिल्ड (जिप्स टेनुइरोस्ट्रिस) भारतीय वन्य जीव अधिनियम की अनुसूची (एक) के तहत संरक्षित हैं लेकिन इस केंद्र में किंग वल्चर के संरक्षण पर जोर होगा।

डीएफओ अविनाश कुमार ने बताया कियह केंद्र, लुप्तप्राय गिद्धों के संरक्षण एवं संरक्षण की दिशा में काम करेगा। इस केंद्र में प्रयोगशाला, बाड़ा, चिकित्सकों के आवासीय काम्पलेक्स समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।’’