अति कुपोषित बच्चियों ममता और रौशनी को सुपोषित बनाने के लिए प्रशासन ने भेंट की गाय 

देवरिया। कुपोषण की मार झेल रहे एक गरीब परिवार की दो बच्चियों को सुपोषित करने के लिए देवरिया जिला प्रशासन ने राष्‍ट्रीय पोषण माह के शुभारंभ की पूर्व संध्‍या पर परिवार के मुखिया को गाय प्रदान की है। मुण्‍डेरा बुजुर्ग गांव की 5 साल की मुस्‍कान और डेढ़ माह की रोशनी अतिकुपोषित हो गई थीं। उनकी मां ममता और पिता शेषनाथ को गाय सौपते हुए प्रशासन ने इन बच्चियों की चिकित्‍सा के लिए चिकित्‍सक की भी तैनाती कर दी है।

देवरिया सदर ब्‍लाक के मुण्‍डेरा बुजुर्ग गांव के निवासी शेषनाथ गौड़ व ममता गौड़ के पांच बच्‍चे हैं। इनमें से 5 साल की मुस्‍कान और डेढ़ माह की रौशनी अतिकुपोषित पाई गईं। इन अतिकुपोषित बच्चियों को आंगबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा दो बार पोषण व पुनर्वास केन्‍द्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। पोषण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी अमित किशोर ने देखा कि एक ही परिवार की दो बच्चियां कुपोषित हैं तो उन्‍होने डीपीओ कृष्‍णकान्‍त राय और सीडीओ शिव शरणप्‍पा जीएन को इस परिवार को कुपोषण से बचाने के लिए गाय की व्‍यवस्‍था करने के लिए कहा।

मुख्‍य पशु चिकित्‍साधिकारी विकास साठे के सहयोग से एक दुधारु गाय की व्‍यवस्‍था की गई। रविवार को जिलाधिकारी व अन्‍य अधिकारियों ने खुद ही गांव में पहुंचकर ममता गौड़ को यह गाय सौंपा, ताकि उनका दूध पीकर परिवार के बच्‍चों के साथ ही परिजन भी सुपोषित हों। गाय को देखकर परिवार के साथ ही गांव के लोग भी खुश दिखाई दिए । ममता की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उसने गाय की पूजा पूरे विधि विधान से की तथा शासन प्रशासन को धन्‍यवाद दिया। शासन प्रशासन के इस पहल की गांव के लोगों ने तारीफ भी की।

सम्‍पूर्ण आहार होता है गाय का दूध – डॉ श्रीवास्‍तव

जिलाधिकारी के निर्देश पर इन दोनों बच्चियों के इलाज की जिम्‍मेदारी संभाल रहे पोषण व पुनर्वास केन्‍द्र के प्रभारी बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आर के श्रीवास्‍तव बताते हैं कि गाय का दूध सम्‍पूर्ण आहार है। गाय का दूध ब्लड सेल्स को बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है. बच्चों में रिकेट्स या सूखा रोग हो जाने पर गाय के दूध का इस्तेमाल बादाम के साथ किया जाता है इससे रोग को ठीक करने में फायदा मिलता है । 300 मिलीलीटर दूध के एक ग्लास में करीब 350 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो तीन साल तक के बच्चों की दैनिक ज़रूरत का आधा है । गाय के दूध में पाया जाने वाला पीला पदार्थ कैरोटीन होता है, जो आंखों की रौशनी बढ़ाता है और आंखों की खूबसूरती को बढ़ाने में भी मदद करता है। किसी बच्चे या व्यक्ति के बौद्ध‍िक विकास के लिए गाय का दूध बेहद लाभदायक है। गाय का दूध पाचन के लिए बेहतरीन होता है और इसे पचाने में तंत्र को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। यह पाचन तंत्र की समस्याओं में काफी लाभदायक है।