यूपी के 56 मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन/अनुदान पर रोक

गोरखपुर। प्रदेश के कई जिलों के 56 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन व अनुदान पर शासन ने रोक लगा दी है। इसमें शहर का मदरसा अंजुमन इस्लामियां खूनीपुर शामिल है। इसके अलावा दो मदरसे देवरिया व दो संतकबीरनगर जिले के भी हैं जिनके वेतन व अनुदान पर रोक लगी है।

उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने अनुदानित मदरसों में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण न कराने के मामले में 56 मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन व अन्य अनुदान पर रोक 21 दिसंबर से लगा दी है। रजिस्ट्रार ने अपने पत्र के जरिए संबंधित जिलों के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि उक्त 56 मदरसों में किसी तरह का भुगतान नहीं होना चाहिए। रजिस्ट्रार के फैसले से मदरसे वालों में मायूसी का माहौल है। प्रभावित मदरसे वालों का कहना है कि 56 मदरसों में ज्यादातर ऐसे मदरसे हैं जिनमें कमेटी को लेकर विवाद है और मामले की कोर्ट में सुनवाई हो रही है। जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता शिक्षक व कर्मचारी कुछ नहीं कर सकते हैं।

फिलहाल अनुदानित मदरसों पर कार्रवाई हुई है। सोसाइटी का नवीनीकरण न कराने वाले मान्यता प्राप्त मदरसों पर भी कार्रवाई तय है। मान्यता भी खत्म हो सकती है।

नवंबर में आया था नवीनीकरण का आदेश

उप्र मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह के नवंबर में दिए आदेश के मुताबिक मदरसा पोर्टल पर पंजीकृत समस्त मदरसों की सोसाइटी के सदस्यों एवं प्रमाण पत्रों के नवीनीकरण की सूचना मदरसे के जिम्मेदारों को निर्धारित प्रारुप पर देनी थी। वह भी ग्यारह बिंदुओं पर। आदेश में यह भी कहा गया था कि मदरसा पोर्टल पर दर्ज पूर्ण रूप से लॉक मदरसों की सूचनाओं का अवलोकन से पता चला है कि कई मदरसों की सोसाइटी प्रमाण पत्र की वैघता समाप्त हो गई है। नियम के मुताबिक सोसाइटी के प्रमाण पत्रों का नवीनीकरण जरूरी है। मदरसा पोर्टल पर पंजीकृत मदरसों के सोसाइटी पंजीकरण का नवीनीकरण समय-समय पर अपडेशन का हवाला देकर सूचना मांगी गई थी। सूचना देने की समय सीमा भी तय की गई थी। इसके बावजूद बहुत से मदरसे वाले अभी तक सूचना नहीं दे पाये हैं। जिले में दस अनुदानित सहित करीब 250 से अधिक मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।