तीनों कृषि कानूनों को खत्म कर रोजगार गारंटी कानून लाए सरकार- सुनील मौर्य

देवरिया। इंकलाबी नौजवान सभा (इनौस ) ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व कवि अवतार सिंह ‘पास’ की शहादत दिवस पर ” रोज़गार के बढ़ते संकट : किसान आंदोलन और युवाओं की भूमिका ” विषय पर भाटपार रानी देवरिया में युवा सम्मेलन आयोजित किया.

सम्मेलन की शुरुआत शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई. युवा सम्मेलन में बोलते हुए इनौस के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि चार वर्ष में खुद फार्म निकालकर एक लाख नौकरी भी न देने वाली उत्तर प्रदेश की सरकार रोजगार देने में अव्वल होने का प्रचार प्रसार जोर-शोर से कर रही है. जबकि बड़े प्रशासनिक सुधार के नाम पर 10, 000 प्राथमिक विद्यालय को बंद करने व सिंचाई विभाग में 10, 000 पदों को समाप्त करने के साथ ही 95 विभागों को 54 विभागों में समाहित करने व समूह ‘ग’ की भर्ती में 05 साल संविदा तथा नियुक्ति पाने की उम्र 40 वर्ष से घटाकर 30वर्ष करने की योजना लागू करने जा रही है. राजकीय डिग्री कॉलेजों को विश्वविद्यालयों को सौंपकर जिम्मेदारी से पीछे हट रही है और स्थाई पदों को ठेका – संविदा पर रखने का रास्ता खोल रही है.

उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा नियुक्ति पत्र बाँटने का दिखावा व भ्रष्टाचार खत्म कर पारदर्शिता के तमाम दावों के बावज़ूद प्रदेश के सभी आयोगों, बोर्डों में न सिर्फ नौकरियां कम हुई है बल्कि परीक्षाओं में अनियमितता, भ्रष्टाचार व समुचित आरक्षण का न मिलना आम बात होती जा रही है. एलटी, 69000 शिक्षक भर्ती, खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) बानगी भर है. आज सरकार ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर लेटरल एंट्री के द्वारा नियुक्त कर लोकसेवा आयोग की स्वायत्तता व आरक्षण की व्यवस्था ख़त्म कर रही है. जो संस्था के साथ संविधान पर चोट है.

उन्होंने युवाओं से आत्महत्या न कर संघर्ष करने की अपील करते हुए कहा कि बेरोज़गारी से तंग आकर नौजवान लड़के – लड़कियां आत्महत्या करने पर मज़बूर है. यह आत्महत्या नहीं, सरकार द्वारा हत्या है. साल 2018 में 12,936 नौजवानों ने बेरोजगारी से तंग आकर खुदकुशी की थी जबकि इसी अवधि में खेती-किसानी से जुड़े 10,349 किसानों ने आत्महत्या की.

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का आधार प्रधानमंत्री का सबसे मशहूर जुमला “आत्मनिर्भर” होने की बात कहते हुए कहा कि सरकार स्वंय शिक्षा सुनिश्चित करने के बजाय प्राइवेट सेक्टर को निजी तथा सार्वजनिक-परोपकार की साझेदारी के नाम पर सौंप रही है l

उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का पुरजोर समर्थन करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए एमएसपी पर कानून बनाने की बात कही.

आपदा को अवसर में बदलने के नारे की सच्चाई उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी काल में देश के 100 धन्नासेठों की संपत्ति में 14 प्रतिशत वृद्धि हुई है. इस कमाई वृद्धि में अकेले मोदी के चहेते मुकेश अंबानी की संपत्ति में वृद्धि का हिस्सा 73 प्रतिशत है, जिसने कोरोना काल में 37.3 बिलियन यानी 373 अरब रूपये अपनी कमाई में जोड़े हैं. ऑक्सफैम इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ बेहर ने कहा, हमारी अक्षम अर्थव्यवस्थाएं आम लोगों की कीमत पर अरबपतियों और बड़ी कंपनियों की जेबें भर रही हैं. अगर एक प्रतिशत सर्वोत्तम धनिकों पर आधा फीसदी अतिरिक्त कर लगा दिया जाय तो अगले 10 वर्षों में 11 करोड़ 70 लाख नौकरियां पैदा होगी. इस तरह सरकार 01% टैक्स बढ़ाकर नौजवानों को रोज़गार दे सकती है, जब तक़ रोज़गार न दे सके तब तक़ सरकार रु.10,000 बेरोज़गारी भत्ता देने की गारंटी करे. इन मांगों के साथ उत्तर प्रदेश में संघर्ष तेज़ करने की अपील की.

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए इंकलाबी नौजवान सभा भाटपार रानी के अध्यक्ष बृजेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि शहीदों का सपना पूरा करने के लिए नौजवानों को संगठित होकर संघर्ष तेज करना होगा. तभी शहीदों का सपना पूरा होगा और व्यक्ति के द्वारा व्यक्ति का और राष्ट्र के द्वारा राष्ट्र का शोषण खत्म होगा. सम्मेलन के अंत में अवतार सिंह की कविता ‘सबसे खतरनाक होता है सपनों का मर जाना’, ‘हम लड़ेंगे साथी’ कविता का पाठ किया गया.

संचालन भाकपा (माले ) के जिला सचिव श्रीराम कुशवाहा ने किया. सम्मेलन को बृजेश सिंह मौर्य, बृजेश सिंह कुशवाहा, कलाम अंसारी, रामजन्म कुशवाहा, मृगेंद्र मिश्र, करमचंद कुशवाहा, शंकर यादव, गुडडू कुशवाहा, रामकरन पासवान, हिमांशु तिवारी, ऐपवा नेत्री पूनम यादव आदि ने संबोधित किया।