घर में भी डबल मास्क लगाएं टीबी मरीज, लक्षण दिखे तो परिजन कराएं कोविड जांच

गोरखपुर। टीबी के साथ-साथ अगर कोविड हो जाए तो फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। फेफड़ों के टीबी मरीज के लिए कोविड का होना काफी परेशान कर सकता है। टीबी के साथ कोविड होने पर जटिलताएं बढ़ जाती है। इसलिए टीबी मरीज के जीवन के हित में न केवल मरीज को बल्कि उसके परिजनों को भी सतर्क रहना होगा।

यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. रामेश्वर मिश्र का। उन्होंने बताया की टीबी मरीज को घर में भी डबल मॉस्क लगा कर ही परिवार के अन्य सदस्यों से बात करनी है। परिवार के किसी भी सदस्य में अगर कोविड का लक्षण नजर आए तो उसे तुरंत कोविड जांच करवानी है। ऐसा न करने से अगर कोविड हुआ और घर की टीबी मरीज भी संपर्क में आ गया तो जान का खतरा हो सकता है। घर में कोविड मरीज हो तो टीबी मरीज को भी कोविड की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए।

डीटीओ ने बताया कि टीबी मरीजों को इलाज और दवा के लिए घर से निकलने की आवश्यकता नहीं है। विभाग द्वारा एक माह की दवा उनके घर पहुंचायी जा रही है। अगर किसी को दवा की समस्या है तो वह क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के माध्यम से सूचना देकर एक माह की दवा प्राप्त कर ले। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) से जुड़े 35 कर्मचारी जिले में कोविड की रोकथाम के लिए सक्रिय रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के साथ योगदान दे रहे हैं। इन सभी लोगों को भी दिशा-निर्देशित किया गया है कि यह लोग टीबी मरीजों से टेलीफोनिक हालचाल लें और किसी को दवा संबंधित दिक्कत हो तो यथाशीघ्र उसकी मदद करें। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को यह भी दिशा-निर्देशित किया गया है कि डोर-टू-डोर विजिट में जो भी सांस के गंभीर रोगी (एसएआरआई) और निमोनिया के साथ खांसी के मरीज (आईएलआई) मिलते हैं उनकी लिस्ट तैयार करके कोविड जांच के साथ-साथ टीबी की जांच अवश्य करवाई जाए।

इन परिस्थितियों में भी टीबी जांच आवश्यक

डॉ. मिश्र ने बताया कि अगर कोई कोविड मरीज ठीक हो जाता है और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, फिर भी खांसी नहीं रूक रही है तो उसकी टीबी जांच अवश्य कराई जानी चाहिए। कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच कराने पर अगर रिपोर्ट निगेटिव है तब भी टीबी जांच अवश्य करवा लें। टीबी की ट्रूनेट विधि से जांच की सुविधा जिला क्षय रोग केंद्र के अलावा सीएचसी पिपराईच, सीएचसी भटहट, सीएचसी कैंपियरगंज, पीएचसी खोराबार, सीएचसी बड़हलगंज और सीएचसी सहजनवा में भी उपलब्ध है। जांच के बाद अगर किसी मरीज में टीबी की पुष्टि होती है तो न केवल उसका निःशुल्क इलाज होगा, बल्कि 500 रुपये प्रति माह पोषण के लिए उसके खाते में भी भेजे जाएंगे।

टीबी मरीज रखें ध्यान

• टीबी की दवा बंद न करें।
• मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता के नियम का कड़ाई से पालन करें।
• घर से बाहर बिल्कुल न निकलें।
• टीबी के साथ कोविड के लक्षण आ रहे हैं तो तुरंत जांच कराएं।
• घर के परिजनों से भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही मिलें।
• दवाओं के साथ चिकित्सक द्वारा बताए गये पौष्टिक भोजन का सेवन करते रहें।