गंडक नदी का जलस्तर घटा, बाढ़ से राहत की उम्मीद

गोरखपुर। गंडक के जलस्तर पर बुधवार की दोपहर बाद से कमी आयी है। इससे गंडक नदी के तटवर्ती यूपी-बिहार के एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद है।

आज सुबह आठ बजे गंडक बराज पर डिस्चार्ज 2.83 लाख क्यूसेक मापा गया। बुधवार की दोपहर दो बजे गंडक नदी पर डिस्चार्ज 4.12 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया है। गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। दोपहर तीन बजे के बाद गंडक नदी का जलस्तर घटने लगा और आज सुबह आठ बजे तक 2.83 लाख क्यूसेक पहुंच गया।

जून महीने में गंडक नदी का जलस्तर इसके पहले कभी इतना नहीं बढ़ा था। जलस्तर के चार लाख क्यूसेक पार कर जाने पर बिहार और यूपी के एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ आ गयी। बाढ से कुशीनगर जिले के खड्डा क्षेत्र के एक दर्जन गांवों-शिवपुर, हरिहरपुर, नारायणपुर, शाहपुर, मरिचहवा, बकुलादह , बाल गोविंद छपरा, शाहपुर, विंध्याचलपुर, सालिकपुर, महदेवा में ढाई से चार फुट तक पानी भर गया। बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के भी कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बगहा-दो प्रखंड के चकदहवा, झांडुवा और बीन टोली के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तो रामनगर प्रखंड के नौरंगिया दोन के गांव में भलुही नदी का पानी अर्धनिर्मित तटबंध को तोड़ते हुए गांव में आ गया।

जलस्तर के बढने पर गंडक नदी में नावों के परिचालन पर रोक लगा दी गई और बाढ़ बचाव कार्य से जुड़े सभी विभागों व एजेंसियों का सर्तक कर दिया गया है।

कुशीनगर जिले के खड्डा क्षेत्र के विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने जिलाधिकारी से बाढ़ से प्रभावित सभी गांवों में 10 बड़ी नाव व एनडीआरएफ,एसडीआरएफ की टीम लगाने की मांग की है। उन्होंने जर्जर छितौनी तमकुही रेल परियोजना की तत्काल मरम्मत किए जाने, बाढ़ हटने तक बाढ़ शरणालय बनाए रखे जाने , बाढ़ पीड़ित गांवों को सेक्टर में बांट कर सेक्टर वाइज एक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति करने , बाढ़ प्रभावित गांव के गरीब किसान मजदूरों परिवारों को मुआवजा देने, बाढ़ में रहे घरों को प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री आवास उपलब्ध कराने की भी मांग की है।