अधिक धन लेने वाले तीन निजी अस्पतालों को मिली ‘ कठोर चेतावनी ‘, छह मरीजों को वापस मिले पैसे

गोरखपुर। कोविड मरीजों से अधिक धन वसूलने वाले तीन निजी अस्पतालों को ‘ कठोर चेतावनी ’ देकर छोड़ दिया गया है। इन अस्पतालों ने छह मरीजों को उनसे वसूली गई अधिक धनराशि वापस कर दी है। इन अस्पतालों को चेतावनी दी गई है कि यदि दुबारा मरीजों से अधिक धन वसूलने की शिकायत मिली तो नियमगत कार्यवाही करते हुए कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।

कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए गोरखपुर में चार दर्जन निजी अस्पतालों को अधिकृत किया गया था। इन अस्पतालों में  शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक धन लिए जाने की शिकायत मिलने पर अपर आयुक्त न्यायिक रतिभान की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनायी गयी थी जिसमें संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. अरूण गर्ग, जिला सर्विलांस अधिकारी डा. एनके पांडेय , उपायुक्त सटाम्प एवं निबंधन रामानंद सिंह सदस्य थे।

सूचना विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस कमेटी ने अपनी विस्तृत आख्या 17 जून को कमिश्नर रवि कुमार एनजी के सामने रखी। समीक्षा में पाया गया कि डिग्निटी अस्पताल ने कोविड इलाज के लिए भर्ती रामानंद शाही से 27,332 रुपए, स्व. प्रवेश कुमार श्रीवास्तव के परिजनों से 54,990 रुपए, मीरा श्रीवास्तव से 46,440 तथा अजीत सिंह से 9,550 रुपये अधिक लिए। इसके अलावा पूर्वांचल मेट्रो सिटी हास्पिटल ने दर्शन प्रसाद जायसवाल से 28,880 तथा डिसेंट हास्पिटल बुद्ध विहार (पार्ट-ए, तारामण्डल ) ने मुहम्मदीन अंसारी से 25,000 रूपए अधिक लिए। इन अस्पतालों द्वारा उपरोक्त मरीजों से अधिक ली गई धनराशि वापस कर दी गई है।

विज्ञप्ति के अनुसर मरीज मुहम्मदीन अंसारी के परिजन यूसुफ एवं अन्य मरीजों के परिजनों से कमिश्नर ने स्वयं दूरभाष पर वार्ता कर उनके शिकायत के निस्तारण के जानकारी प्राप्त की। सभी परिजनों द्वारा अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुये प्रशासन के इस मानवीय कार्य को सराहा गया है।

कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने तीनों अस्पतालों के प्रबन्धन को कठोर चेतावनी दी कि भविष्य में शासनादेश में निर्धारित धनराशि से अधिक धनराशि कदापि न ली जाय। यदि इसकी पुनरावृत्ति होती है, तो ऐसे हास्पिटलों के विरूद्ध नियमगत जांच करके उनके विरूद्ध कठोरतम् कार्यवाही की जायेगी। कमिश्नर ने लोगों से अनुरोध किया कि यदि किसी निजी चिकित्सालय द्वारा निर्धारित दर से अधिक दर उपचार हेतु लिया जाता है तो वे सीधे उन्हें अथवा मण्डल स्तरीय समिति के समक्ष अपनी लिखित शिकायत प्रस्तुत कर सकते हैं।