हर दिन को विश्व पर्यावरण दिवस समझें : माइक पाण्डेय

वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, गोरखपुर वन प्रभाग एवं हेरिटेज फाउंडेशन का विश्व पर्यावरण दिवस पर संवाद

गोरखपुर। प्रख्यात वाइल्ड लाइफ और पर्यावरण फिल्म मेकर माइक हरि गोविंद पाण्डेय ने छात्रों से कहा कि पृथ्वी आपकी माओं की मॉ है। इसलिए उसके संरक्षण के लिए हर दिन को विश्व पर्यावरण दिवस समझे, कमर कस कर अपने घर से उसके अस्तित्व के संरक्षण के लिए प्रयास करें। घर, गार्डेन और खेतों में पेस्टिसाइट्स का इस्तेमाल बंद करें। पानी का मोल पहचानिए। अपने व्यवहार में परिवर्तन लाकर हम पृथ्वी और पर्यावरण के संरक्षण में बड़ा योगदान कर सकते हैं।

माइक हरि गोविंद पाण्डेय, शनिवार को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग गोरखपुर एवं हेरिटेज फाउंडेशन गोरखपुर द्वारा आनलाइन संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने संवाद में जुड़े माउंट लिट्रा जी स्कूल के कक्षा 6वीं से 12वीं तक के वचुर्अल संवाद में जुड़े छात्रों से अपील की कि अस्तित्व से जूझ रही पृथ्वी को बचाने की शक्ति धरती पर केवल मनुष्यों में है जिसके लिए हमें अपनी जैव विधिविता के संरक्षण का ध्यान रखना होगा। पेड़, पौधे, वन्यजीव, कीट सबके साथ सह अस्तित्व की अवधारणा को जीना होगा। उन्होंने कहा कि इस सब के लिए सबसे सरल काम यह है कि हम अधिकाधिक पेड़ -पौधे लगाए। उनका संरक्षण करें।

उन्होंने कहा कि आप सौभाग्यशाली है कि आपके पास रामगढ़झील सरीखी कई झीले हैं। शहर के मध्य में कुसम्ही जंगल है, उनका मोल पहचाने, उनके संरक्षण के लिए पहल करें। इन सबकी जिम्मेदारी बच्चों एवं युवाओं की है। उन्होंने कम्पोस्ट एवं आर्गेनिक खाद के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। इस वर्चुअल कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार एवं अतिथियों का आभार हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका अनीता अग्रवाल ने किया। उन्होंने बताया कि आयोजन के दौरान हुई पेटिंग प्रतियोगिता के परिणाम जल्द घोषित किए जाएंगे। इस वर्चुअल आयोजन में माउट लिट्रा जी स्कूल से शिक्षिका अमृता त्रिवेदी और प्रीति पाण्डेय, फाउंडेशन से वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर धीरज सिंह, नरेंद्र कुमार मिश्रा, मनीष कुमार, कार्तिक मिश्रा, डॉ संजय कुमार श्रीवास्तव, डॉ योगेश प्रताप सिंह समेत काफी संख्या में स्थानीय नागरिक भी जुड़े।

कोरोना महामारी सिर्फ चेतावनी मात्र: डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल

संवाद में जुड़े  नगर विधायक शिशु-रोग विशेषज्ञ डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि भौतिकता की अंधी दौड़ ने मानव सभ्यता को पूरी तरह से अमानवीय बना दिया है। जैसे-जैसे हम चिम्पैंजी-सभ्यता से आदम-सभ्यता की ओर बढ़े हैं, हमारे विकसित दिमाग ने अगर हमें सुख-सुविधाएं दी हैं तो काफी कुछ छीना भी है। कोरोना की महामारी समय से पूर्व मिलने वाली चेतावनी मात्र है। अगर सिर्फ वैज्ञानिक तौर-तरीकों से इस पर विजय पाना ही लक्ष्य रह गया और हम इसमें छिपे संदेश को पढ़ने में असफल रहे, तो हमें इससे भी भयावह दौर का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

वन विभाग देगा  निशुल्क पौधे

संवाद के दौरान छात्रों को प्रभागीय वन अधिकारी अविनाश कुमार ने विश्वास दिलाया कि छात्र स्वयं परिवार के लोगों के साथ पौधरोपड़ के लिए आगे आए। उनकी इच्छा के मुताबिक निशुल्क पौधे और तकनीकी सलाह दोनों उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने प्रख्यात पर्यावरण विद् माइक एच पाण्डेय के पर्यावरणीय योगदान की चर्चा करते हुए बताया कि पिछले दो साल से रसायनिक खाद के स्थान पर कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल पौधे विकसित करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में पौधरोपण अभियान के दौरान 45 लाख के करीब पौधों के रोपण की तैयारी की जा रही है।